चुनाव नतीजों, वैश्विक संकेतों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

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नयी दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों तथा अमेरिकी-चीन व्यापार विवाद बढ़ने के बीच वैश्विक बाजारों के रुख से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक मोर्चे पर घटनाक्रमों से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद आए ‘एक्जिट पोल्स’ के मद्देनजर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा शेयर बाजारों ने अपने निगरानी तंत्र को मजबूत किया है ताकि बाजार में किसी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना तथा मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार सुबह से आना शुरू होंगे।

मतदान बाद सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े संघर्ष की उम्मीद जताई गई है। वहीं राजस्थान में कांग्रेस को जीतता दिखाया जा रहा है। इक्विटी 99 के वरिष्ठ शोध विश्लेषक राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘चुनाव नतीजों, घरेलू और वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव की वजह से निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी।’’

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 2019 के आम चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मुस्तफा नदीम ने कहा कि ओपेक की बैठक और हुवावेई की वैश्विक सीएफओ की कनाडा में गिरफ्तारी से निवेशकों में बेचैनी है। इसके अलावा घरेलू मोर्चे पर चुनाव नतीजों से उतार-चढ़ाव और तेज हो सकता है।

ओपेक द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन घटाने पर सहमत होने के बाद शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल दो प्रतिशत चढ़ गया। चीन की दूरसंचार कंपनी हुवावेई की सीईओ मेंग वानझाउ कंपनी के संस्थापक की पुत्री हैं। चीन ने वानझाउ को रिहा नहीं करने पर गंभीर नतीजों की चेतावनी दी है। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 521.05 अंक या 1.43 प्रतिशत टूटकर 35,673.25 अंक पर आ गया।