अच्छी आवक के बावजूद मिलर्स की लिवाली से धान के भाव में तेजी को रूख

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नई दिल्ली। देश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में खरीफ कालीन धान की जोरदार आवक हो रही है और राइस मिलर्स / प्रोसेसर्स तथा व्यापारियों / निर्यातकों की मांग के अनुरूप विभिन्न मंडियों में इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

दिल्ली मंडी : 5 से 11 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली की नरेला मंडी में 1509 हैण्ड धान में 50 रुपए की नरमी और 1509 कम्बाइन धान में 50 रुपए की तेजी रही जबकि 1718 धान का भाव 150 रुपए बढ़कर 3350/3450 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। नजफगढ़ मंडी में 50-60 रुपए की तेजी मंदी रही।

आवक : नरेला में 5 दिसम्बर को 55 हजार बोरी धान आया था जो घटते हुए 10 दिसम्बर को 20 हजार बोरी रह गया। दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान नजफगढ़ मंडी में धान की दैनिक आवक 7 हजार बोरी से बढ़कर 11 हजार बोरी पर पहुंच गई। छत्तीसगढ़ की भाटापाड़ा मंडी में एचएमटी धान का भाव 100 रुपए नीचे आया मगर श्रीराम भोग का दाम 100 रुपए सुधर गया। राजिम मंडी में भी धान कुछ नरम रहा।

पंजाब: पंजाब की अमृतसर एवं तरन तारन मंडी में धान की विभिन्न किस्मों के मूल्य में 100-200 रुपए प्रति क्विंटल का उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। दोनों ही मंडियों में बासमती धान की अच्छी आवक हो रही है मगर भाव गत वर्ष से काफी पीछे चल रहा है।

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की एटा, मैनपुरी, जहांगीराबाद, अलीगढ तथा शाहजहांपुर मंडी में विभिन्न किस्मों के धान की कीमतों में 100 से 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।

चावल: जहां तक चावल का सवाल है तो इसके दाम में भी आमतौर पर नरमी का ही माहौल देखा गया। हालांकि सरकार ने बासमती और गैर बासमती चावल के निर्यात को सभी नियंत्रणों-प्रतिबंधों से पूरी तरह मुक्त कर दिया है और इसके निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद भी है लेकिन घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। बासमती चावल का निर्यात प्रदर्शन पहले से ही बेहतर चल रहा है जबकि अब सामान्य चावल के शिपमेंट में भारी इजाफा होने के आसार हैं क्योंकि इसका निर्यात ऑफर मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार है जबकि अफ्रीकी देशों में इसकी जबरदस्त मांग बनी हुई है।