नई दिल्ली। Soyabean Msp: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान सहित अन्य प्रांतों के लिए कुल मिलाकर 33.61 लाख टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी है मगर अब तक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर महज 4.15 लाख टन की खरीद हो सकी है।
अतः मंडियों में सोयाबीन की भारी आवक हो रही है और सोया तेल तथा सोयामील का भाव नरम पड़ने से मिलर्स ऊंचे दाम पर इसकी खरीद करने से हिचक रहे हैं। नवम्बर में 4 लाख टन से अधिक सोयाबीन तेल का आयात किया गया जिससे स्वदेशी तेल की बिक्री पर असर पड़ रहा है। सोया तेल का वैश्विक बाजार भाव नीचे आ गया है जिससे भारतीय रिफाइनर्स इसका आयात बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्लांट भाव: 6 से 12 दिसम्बर वाले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 50 से 100 रुपए प्रति क्विटल की गिरावट आ गई और यह घटकर 4200-4300 रुपए प्रति क्विटल पर आ गया जो 4892 रुपए प्रति क्विटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे है।
सोया तेल (रिफाइंड): सोयाबीन में नरमी से सोया रिफाइंड तेल का दाम भी प्रति 10 किलो पर 25 से 40 रुपए तक घट गया। सोया रिफाइंड तेल का भाव कोटा में 45 रुपए, कांडला में 25 रुपए तथा हल्दिया में 40 रुपए प्रति 10 किलो घट गया जबकि मुम्बई में 30 रुपए सुधरकर 1280 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंचा।
आवक: राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन की आवक 6 दिसम्बर को 6 लाख बोरी (या किटल) हुई थी जो कमजोर बाजार भाव के कारण घटते हुए 12 दिसम्बर को 3.50 लाख बोरी पर अटक गई। सोयामील की घरेलू एवं निर्यात मांग कमजोर रहने से कीमत भी नरम रही। अच्छे दाम पाने के लिए किसानों को कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार को सोयाबीन खरीद की गति तेज करनी होगी।