बीमा पॉलिसी पर GST घटाने से स्वास्थ्य व जीवन बीमा की लागत कम होगी: वित्त मंत्री

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नई दिल्ली। जीएसटी परिषद यदि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी पर जीएसटी दरों में कटौती की सिफारिश करती है तो पॉलिसीधारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही।

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने 9 सितंबर की अपनी बैठक में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर समग्र रूप से विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के गठन की सिफारिश की थी।

उन्होंने कहा, “जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा का मामला जीओएम के समक्ष लंबित है। यदि जीएसटी परिषद की ओर से जीएसटी दर में कमी की सिफारिश की जाती है, तो जीएसटी कम होने से पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत में कमी आने की उम्मीद है।”

सीतारमण ने यह बात उस सवाल के जवाब में कहा कि क्या स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में कटौती स्वास्थ्य सेवा को अधिक न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक कदम होगा? यह पूछे जाने पर कि सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि बीमा कंपनियां प्रीमियम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को अपने पास रखने के बजाय जीएसटी में किसी भी कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएंगीं, सीतारमण ने कहा कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से बीमा की लागत कम हो जाएगी।

उन्होंने कहा, “चूंकि जीएसटी दरें बीमा प्रीमियम पर अलग से लागू होती हैं, इसलिए यदि जीएसटी दर कम की जाती है तो इससे पॉलिसीधारक को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर प्रतिस्पर्धी बाजार में, जहां कई बीमा कंपनियां हैं।

उन्होंने कहा कि इससे बीमा की लागत एक सीमा तक कम हो जाएगी।” वर्तमान में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर को होने वाली है, जिसमें राज्य सरकारों के मंत्री भी शामिल होंगे। इस बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी घटाने के लिए मंत्री समूह की रिपोर्ट पर चर्चा होने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा पॉलिसियों से 16,398 करोड़ रुपये जीएसटी एकत्र किया था। इसमें जीवन बीमा से 8,135 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य बीमा से 8,263 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया गया था। इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर पुनर्बीमा से जीएसटी मद में 2,045 करोड़ रुपये जुटाए गए, जिसमें जीवन पर पुनर्बीमा से संग्रह किए गए 561 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा का राजस्व 1,484 करोड़ रुपये शामिल हैं।

जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली है, जिसमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी के मुद्दे पर विचार किए जाने की उम्मीद है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में जीवन व स्वास्थ्य बीमा पर गठित मंत्री समूह की पहली बैठक 19 अक्टूबर को हुई।

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मंत्री समूह ने टर्म जीवन बीमा पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर मोटे तौर पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों की आरे से 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा।