जश्न ए सरगम: अलबेला साजन आयो री, मोरा अति मन सुख पायो री…..

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पृथ्वी गंधर्व ने सूफी कव्वालियों, गज़लों और सेमी क्लासिकल गीतों से बांधा समां

कोटा। स्पार्क द सृजन कोटा चैप्टर द्वारा रविवार को आयोजित ‘जश्न ए सरगम’ कार्यकम में गायक व संगीत निर्देशक पृथ्वी गंधर्व ने देर रात तक गज़ल, बॉलीवुड और लोकगीत गीत सुनाकर समां बांध दिया। इस संगीतमय शाम ने श्रोताओं को एक अविस्मरणीय संगीत अनुभव प्रदान किया, जहां पृथ्वी ने अपनी सुरीली आवाज़ से सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत सूफी कव्वालियों से हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया। पृथ्वी की आवाज़ में सूफी संतों के शब्द जैसे जीवंत हो उठे। इसके बाद उन्होंने गज़लों का सिलसिला शुरू किया, नीयते ए शोक भर न जाय “पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है…” “आज जाने की जिद न करो…” जिसमें उर्दू शायरी की नजाकत और उनकी आवाज़ की मिठास का अद्भुत मेल देखने को मिला।

रात गहराने के साथ, पृथ्वी ने विभिन्न क्षेत्रों के लोकगीतों की प्रस्तुति दी। श्रोता अपने पैरों को थिरकने से रोक नहीं पा रहे थे। अंत में, उन्होंने बॉलीवुड के कुछ चुनिंदा गीतों से समां बांधा। “अलबेला साजन”, “तू ही रे…”ये दिल है पागल दिल मेरा, जैसे हिट गीतों के साथ-साथ कई सेमी क्लासिक गीतों ने भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इंडियन आइडल के विनर पीयूष पंवार ने भी अपने संगीत का जादू बिखेरा। डॉ विजय सरदाना ने बताया कि गंधर्व का साथ निभाने के लिए गिटार पर शहनवाज़ अहमद दिल्ली से व तबले पर संगत करने राहुल मुंबई से आए थे। इन दोनों ने गंधर्व के साथ जमकर जुगलबंदी की। कोटा की यूथ विंग डीएवी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी सुरों का जादू बिखेरा।

कार्यक्रम में संरक्षक पूर्व कोटा आईजी कोटा प्रसन्न कुमार खमेसरा, संरक्षक प्रेम भाटिया, एलन के डायरेक्टर गोविंद माहेश्वरी, अध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना, आयकर आयुक्त पुरुषोत्तम त्रिपुरी, उपाध्यक्ष अमित बंसल व प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमित बंसल, जय जैन, डॉ. कपिल सिद्धार्थ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन वीणा जैन ने किया। कार्यक्रम में रोशन भारती, चंद्रशेखर शर्मा, शिव शक्ति, अनीश बिरला सहित कई कला और संगीत प्रेमी उपस्थित रहे।

युवा गीतकारों को मौका
अध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना ने अपने स्वागत भाषण में कोटा चैप्टर के बारे में बताते हुए कहा कि कोटा चैप्टर का गठन 28 जनवरी 2023 को किया गया था। अपने गठन के बाद यह सृजन का 10वां बेहतरीन संगीत आयोजन है और नए चेहरों को आगे लाने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि कोटा चैप्टर में वर्तमान में 90 सदस्य बन गए हैं। संगीत व गीतकारों को बढ़ावा देने के लिए सृजन कटिबद्ध है।

देश व दिलों की दूरी कम करता है संगीत
मुख्य अतिथि संरक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संगीत देश व दिलों की दूरियां मिटाता है। भारत में कई विदेशी कलाकार ख्याति प्राप्त हैं और भारतीय गायक भी विदेशों में अपना लोहा मनवा रहे हैं। सृजन के विदेश में 4 चैप्टर संचालित हैं। संगीत के इस प्रकार के कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या जुटना बड़ी बात है।