क्रशिंग प्लांटों की जोरदार मांग निकलने से सरसों की कीमतों में उछाल

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नई दिल्ली। नीचे दाम पर व्यापारियों एवं क्रशिंग प्लांटों की जोरदार मांग निकलने तथा सरकारी एजेंसी की खरीद जारी रहने से 10-16 मई वाले सप्ताह के दौरान सरसों की कीमतों में 200 से 400 रुपए प्रति क्विंटल की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। 42% कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 300 रुपए उछलकर 5700 रुपए प्रति क्विंटल तथा जयपुर में 250 रुपए बढ़कर 5750 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

गुजरात: गुजरात की धनेरा एवं डीसा मंडी में सामान्य श्रेणी की सरसों के दाम में 55 रुपए की बढ़त रही।

हरियाणा: हरियाणा की मंडियों में सरसों के मूल्य में भारी उछाल दर्ज किया गया। वहां इसका भाव बरवाला में 350 रुपए, चरखी दादरी में 250 रुपए तथा हिसार एवं सिरसा में 200-200 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा। कुछ मंडियों में सरसों का दाम सुधरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के करीब पहुंच गया जो इस बार 5650 रुपए प्रति क्विंटल नियत हुआ है।

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में भी सरसों के दाम में अच्छी तेजी देखी गई। वहां इसका भाव मुरैना में 300 रुपए उछलकर 5300/5400 रूपए प्रति क्विंटल तथा पोरसा एवं ग्वालियर में 150-150 रुपए बढ़कर क्रमश: 5225 रुपए प्रति क्विंटल एवं 5300/5350 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इसी तरह देश के सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में सरसों का दाम काफी तेज रहा। वहां इसका भाव गंगानगर में 400 रुपए, कोटा में 350 रुपए, अलवर में 300 रुपए तथा भरतपुर में 250 रुपए प्रति क्विंटल ऊपर चढ़ गया। केवल बूंदी को छोड़कर अन्य सभी मंडियों में सरसों के दाम में 100-200 रुपए की तेजी रही।

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में सरसों का भाव हापुड़ मंडी में 100 रुपए सुधरकर 5850 रुपए प्रति क्विंटल तथा आगरा मंडी में 200 रुपए बढ़कर 6050/6225 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

सरसों खल: सरसों खल का निर्यात प्रदर्शन कुछ कमजोर चल रहा है। जबकि इसका दाम प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों तेल के दाम में 500 रुपए प्रति क्विंटल तक की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। दिल्ली में इसका भाव 450 रुपए बढ़कर 10550 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

आवक: प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की आवक 10 एवं 11 मई को 4.25-4.25 लाख बोरी, 13 मई को 5.25 लाख बोरी, 14 मई को 5.75 लाख बोरी, 15 मई को 6.00 लाख बोरी तथा 16 मई को भी 6 लाख बोरी (50 किलो की प्रत्येक बोरी) दर्ज की गई।