नई दिल्ली। जिन लोगों ने अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से अब तक नहीं जोड़ा है, उनके लिए स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस रेट सामान्य से दोगुना होगा। इस नुकसान से बचने के लिए पैन को आधार से जोड़ लेने में ही फायदा है। 31 मई से पहले ही यह काम निपटा लेने का मौका है।
आयकर विभाग ने कहा कि अगर टैक्सपेयर 31 मई तक अपने पैन को आधार से जोड़ देते हैं तो टीडीएस की कम कटौती के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। आयकर नियमों के अनुसार, अगर पैन को बायोमेट्रिक आधार से नहीं जोड़ा जाता है तो लागू दर के मुकाबले दोगुनी दर से कटौती की जाएगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक सर्कुलर में कहा कि करदाताओं से कई शिकायतें मिली हैं। इनमें कहा गया है कि उन्हें इस बारे में नोटिस मिले हैं। नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने ऐसे लेनदेन करते समय टीडीएस /टीसीएस की कम कटौती/ संग्रह करने की चूक की है, जहां पैन निष्क्रिय थे। ऐसे मामलों में चूंकि कटौती/ संग्रह ऊंची दर पर नहीं किया गया है। लिहाजा विभाग ने टीडीएस/ टीसीएस विवरणों के प्रसंस्करण के दौरान टैक्स मांग की है।
एक्सपर्ट की राय
इस संबंध में की गई शिकायतों के समाधान के लिए सीबीडीटी ने कहा, ’31 मार्च, 2024 तक किए गए लेन-देन के संबंध में अगर 31 मई, 2024 को या उससे पहले पैन (आधार के साथ जुड़ने के बाद) चालू हो जाता है तो कटौतीकर्ता/ संग्रहकर्ता पर कर (उच्च दर पर) कटौती / संग्रह करने का कोई दायित्व नहीं होगा।’
एकेएम ग्लोबल में साझेदार (टैक्स) संदीप सहगल ने कहा कि परिपत्र उन मामलों में कर कटौतीकर्ताओं को कुछ राहत देता है, जहां पैन आधार के साथ जुड़े नहीं होने के कारण निष्क्रिय हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में करदाताओं को जल्द से जल्द पैन को आधार से जोड़ लेना चाहिए।