शिव महापुराण वह पारस है जो जीवन रूपी लोहे को भी सोना बना दे: पं. प्रदीप मिश्रा

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देवपितृ शिव महापुराण कथा का तीसरा दिन

कोटा। Dev pitra Shiva Mahapuran Katha: दशहरा मैदान में आयोजित श्री देवपितृ शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन मंगलवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ती जा रही है, भोले की भक्ति का रंग गाढ़ा होता जा रहा है। भक्तों की संख्या रोजाना बढ़ रही है।

लगभग 2 लाख से अधिक जनसमूह ने मंत्रमुक्त होकर अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारविंद से शिवकथा का श्रवण किया। डॉ. अमिता बिरला, राजेश बिरला, विधायक संदीप शर्मा ने महाशिवपुराण का पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया।

विधायक संदीप शर्मा के सान्निध्य में आयोजित कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रवचन में कहा कि दुख की घड़ी में भगवान शिव के पास एक लोटा जल, चावल के दाने और बिल्वपत्र लेकर जाइए। भगवान को कुछ नहीं चाहिए। केवल आपकी श्रद्धा चाहिए। आपका व्रत, दान, पुण्य बाद में फलेंगे, भगवान को चढ़ाया समर्पण, बिल्वपत्र, अक्षत, जल का फल जीवन भर मिलेगा। जीवन की यात्रा में सभी समस्याओं का एक ही हल एक लोटा जल और शिव तत्व है।

उन्होंने कहा कि शिव महापुराण पारस की तरह है जो लोहे से छूकर उसे सोना बना देती है। यदि जीवन में कोई कष्ट आए तो शिव पुराण रूपी मणि का स्पर्श करते रहना, संतों का सानिध्य लेते रहना। शिव के प्रति जितना हमारा विश्वास प्रगाढ़ होगा। उतना ही सुख हमारी जिंदगी में आएगा। हमारी 1 मिनट की अच्छी सोच, 1 मिनट का भगवत स्मरण, 1 मिनट की भक्ति, 1 मिनट का भजन, 1 मिनट का कीर्तन जीवन और किस्मत को बदल सकता है।

कथा के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा के द्वारा भजन शुरू करते ही शिवभक्त पूरे उत्साह, उल्लास और उमंग के साथ उन पर झूमते और गाते नजर आते हैं। पं. मिश्रा ने मुक्ति द्वार ओमकार, आयो शरण तिहारी बाबा तार तार.. तेरे करम का फल तू ही पाएगा, भगवान की आंखों से तू बच नहीं पाएगा.. भोला सब दुख तारो, एक तू ही सहारा है, मेरे भोले बाबा… अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में… मेरे भोले मेरा सहारा हैं, आप ही नैया आप ही किनारा है… कब से खड़े हैं झोली पसार, तू ही सुनेगा मेरी पुकार.. सरीखे भजनों पर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने जय जय गिरिराज धरण की… भजन करना शुरू किया तो भक्तों ने मथुराधीश प्रभु के जयकारों से पांडाल गुंजा दिया।

पंडित मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को पांचवे और अंतिम दिन की कथा प्रातः 8 से 11 बजे तक होगी। इस दौरान भगवान गणेश और देवी पार्वती के स्वरूप की झांकी सजाई गई। कथा के अंत में विधायक संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, राजेंद्र जाटव, मनोज शर्मा, राकेश जैन, जीडी पटेल, प्रदीप खंडेलवाल, गिरिराज शर्मा, दिलीप चौहान समेत विभिन्न लोगों ने आरती की।

तन ढकना राजस्थान सिखाता है
पंडित मिश्रा ने व्यास पीठ से कहा कि राजस्थान के जैसी संस्कृति, खान-पान और पहनावा दुनिया में कहीं नहीं है। राजस्थान के पहनावे को मैं नमन करता हूं। तन ढंकना सभी को राजस्थान के लोगों से सीखना चाहिए।

भोजन की शुद्धता पर बात की
पंडित मिश्रा ने भोजन की शुद्धता के बारे में बात करते हुए कहा कि मनुष्य ही ऐसा प्राणी है। जिसे कुछ भी मिल जाए तो उसे वह खा लेता है। भगवान के प्रसाद में जो शुद्धता है वह कहीं नहीं मिल सकती। अन्नकूट और छप्पनभोग में जो स्वाद है, वह किसी होटल के भोजन में नहीं मिल सकता। नवरात्र में भंडारे का प्रसाद घर के भोजन से भी अधिक स्वादिष्ट होता है।

पैर रखने की भी जगह नहीं
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग दशहरा मैदान पहुंच रहे हैं। मंगलवार को कथा के दौरान 2 बजे से पहले ही मंच से लेकर अंत तक पूरा पंडाल खचाखच भर गया था। जहां पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी। ऐसे में 2 बजे के बाद आने वाले श्रद्धालुओं को खड़े रहकर ही कथा श्रवण करना पड़ा। बाहर बनी दुकानों में भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। बाहर से आए श्रद्धालु पंडाल में रहते हैं। देर रात तक कीर्तन करने के बाद सुबह स्नान और शिवजाप करते हुए शिवकथा का इंतजार करते हैं।

व्यवस्थाओं को बेहतर करने का प्रयास
कथा से पूर्व विधायक संदीप शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं में कुछ कमी हो सकती है। उन्होंने क्षमा मांगते हुए कहा कि व्यवस्थाओं को निरंतर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।