कोटा। देश की सबसे बड़ी मैट्रिमोनी सर्विस भारत मैट्रिमोनी ने आज “पहले पढ़ाई फिर शादी” अभियान शुरू किया l– लड़कियों को शादी के बजाय शिक्षा को चुनने के लिए सशक्त बनाने की यह एक सामाजिक पहल है।
इस मुहिम की बदौलत अब राजस्थान के जैसलमेर शहर में इस साल 12वीं कक्षा की चुनी गई छात्राओं को कॉलेज शिक्षा की ओर अग्रसर होने में स्कॉलरशिप मिलेगी। राजस्थान के
जैसलमेर में शादी की खुशियां मनाने के लिए हर नए रिश्ते का न्यौता दीवारों पर चित्रों के रूप में सजाया जाता है। लेकिन इस सजावट के पीछे एक कड़वी सच्चाई भी है। राजस्थान के इस हिस्से में लड़कियों की साक्षरता दर कम है। और कारण साफ़ है –कि लड़कियों को अक्सर शिक्षा के बदले शादी चुनने के लिए कहा जाता है।
सामाजिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की इस पहल “पहले पढ़ाई फिर शादी” के ज़रिए, भारत मैट्रिमोनी माता-पिता को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे अपनी लाड़ली बेटियों को अपनी पसंद से पढ़ाई या शादी चुनने की स्वतंत्रता दें। और यह मुहिम बस यहीं तक सीमित नहीं है, जैसलमेर शहर में बनी शादी की कलाकृतियों की तरह ही भारत मैट्रिमोनी शिक्षा से प्रेरित चित्रों को उन चुनी गई छात्राओं के घरों में सजाना चाहता है ताकि लड़कियों के पढ़ाई करने को भी एक जश्न की तरह मनाया जाए।
भारत मैट्रिमोनी के संस्थापक और सीईओ मुर्गवेल जानकीरमन, कहते हैं, “महिलाओं को सशक्त बनाने में सबसे आगे रहने वाले ब्रांड के रूप में, भारत मैट्रिमोनी लगातार नई पहल करने और महिलाओं, रिश्तों और शादी के बारे में समाज के नज़रिए को बदलने की कोशिश कर रहा है।
हमारा मानना है कि “पहले पढ़ाई फिर शादी” अभियान लड़कियों को पहले शिक्षा चुनने के लिए प्रोत्साहित करके एक अहम सामाजिक बदलाव लाएगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक लड़की को शिक्षित करना पूरे परिवार को शिक्षित करने के बराबर है।” पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और भारत मैट्रिमोनी के ब्रांड एंबेसडर महेंद्र सिंह धोनी भी पहले पढ़ाई फिर शादी की इस पहल से जुड़े है