NEET-UG में कई मुन्ना भाइयों को बैठाने की डील, ब्रोकर्स ने कहा- जवाब हम भर देंगे

0
527

जयपुर। नीट-यूजी का पेपर रविवार को हुआ। वहीं जेईई मेन भी पूरा हो चुका है। नीट होने से पहले ही परीक्षा में पास करवाने से लेकर कॉलेज में एडमिशन दिलावाने तक के ऑफर ब्रोकर्स दे रहे हैं। ब्रोकर्स का दावा है कि अगर नीट में सवालों का जवाब छात्रों को नहीं आता है तो वे OMR शीट को खाली छोड़कर आएं। सेंटर्स पर उन सवालों के सही जवाबों को भर दिया जाएगा।

हाल में जेईई मेन के जरिए एनआईटी में एडमिशन दिलाने का मामला भी सामने आया था। अब इस नए मामले को अजमेर पुलिस ने पकड़ा है। अजमेर पुलिस ने ऐसा गिरोह पकड़ा है, जो जेईई व नीट में छात्रों को पास करवाने का दावा कर रहा है। हालांकि अभी तक पुलिस यह साफ नहीं कर पाई है कि इस गिरोह ने पहले कितने छात्रों को फर्जी तरीके से एनआईटी व मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलवाया है।

सीकर में भी पुलिस ने ऐसे 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पैसा लेने के बाद नीट पास करवाने का दावा कर रहे थे। वहीं भास्कर के पास ऐसी ऑडियो क्लिप व अभिभावकों के मैसेजेज हैं, जिनसे ब्रोकर्स ने डील की है। दरअसल राज्य के जयपुर, कोटा और सीकर शहर नीट व जेईई कोचिंग के प्रमुख हब हैं। लाखों छात्र जेईई व नीट की कोचिंग प्रदेश में लेते हैं।

इस कारण ऐसे दलालों का गिरोह यहां काफी सक्रिय रहता है। वहीं ऐसे मामले सामने आने के बाद परीक्षा केंद्रों पर भी सवाल खड़े हाेने लगे हैं। हाल में जेईई मेन के ऑनलाइन एग्जाम में छात्र के सिस्टम को रिमोट पर लेकर प्रश्नपत्र हल करने का मामला सामने आया था। सवाल यह है कि एनटीए की ओर से आयोजित इस परीक्षा की टेक्नोलॉजी इतनी कमजोर कैसे रह गई कि कंप्यूटर्स के आईपी एड्रेस और पासवर्ड तक आउट हो गए।

अजमेर में सामने आए मामले में ब्रोकर्स ने छात्रों व अभिभावकों से तीन तरीके की डील की थी। पहली मनचाहा सेंटर्स दिलाने, दूसरी एग्जाम पास करवाने व तीसरी डील मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन दिलाने की थी। हालांकि हर साल ही काउंसलिंग को लेकर ऐसी डील की जाती थी। इसमें छात्रों को नीट क्रैक करना जरूरी होता था, लेकिन इस साल नीट को पास करवाने की डील भी की गई, जो कि चौंकाने वाली है।

नीट यूजी 2018 में पेपर आउट की जांच अधूरी
आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक पांडे ने बताया साल 2018 में नीट यूजी में नकल की संभावनाओं को देखते हुए खुद सीबीएसई ने एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई। विवेक द्वारा दायर आरटीआई में सीबीआई ने जबाव दिया है कि मामले की जांच अभी चल रही है।