2015 में जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता 30 नवंबर को, मिलेगा 123 फीसद रिटर्न

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नई दिल्ली। Sovereign Gold Bond: मोदी सरकार ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किया था। सर्राफा बाजारों से कम मूल्य पर मिलने वाला यह कागजी सोना आज निवेशकों को दमदार रिटर्न दे रहा है। पहली बार जारी हुए सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (SGB) की प्रथम सीरीज में निवेश करने वालों को मोटा मुनाफा होने जा रहा है। इस सीरीज की आठ वर्ष की निकासी या परिपक्वता अवधि 30 नवंबर 2023 को पूरी हो रही है। इस दौरान स्वर्ण बॉन्ड की कीमत दोगुनी से भी अधिक हो गई है।

गौरतलब है कि आरबीआई ने पहले स्वर्ण बॉन्ड का खरीद मूल्य 2,684 रुपये प्रति ग्राम तय किया था। हालांकि, इसकी परिपक्वता कीमत अभी तक निर्धारित और घोषित नहीं की गई है। हाल ही में केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2017-18 में जारी एसबीजी श्रृंखला-1 की समय पूर्व निकासी के लिए मूल्य 6,116 रुपये प्रति ग्राम तय किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2015 के पहले स्वर्ण बॉन्ड का मूल्य इसके आसपास रहेगा। इससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलेगा।

मुनाफे को ऐसे समझें: यदि किसी निवेशक के पास ने पहले स्वर्ण बॉन्ड के माध्यम से 10 ग्राम सोना खरीदा है तो प्रति ग्राम 2,684 के हिसाब से उसने 26,840 रुपये का निवेश किया। अब अगर वर्ष 2017-18 की सीरीज की समय पूर्व निकासी के तय मूल्य 6,116 को ही आधार बनाया जाए तो मुनाफा 61,160 रुपये बैठगा।

निवेशक को करीब 123 फीसदी का रिटर्न मिलेगा। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि पहले स्वर्ण बॉन्ड का परिपक्वता मूल्य का आधार बनाई गई कीमत से अधिक होना संभव है, क्योंकि दिवाली के आसपास सोने की कीमत में बढ़ोतरी देखी जाती है।

ब्याज का भी भुगतान: 30 अक्टूबर 2015 को आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, एसजीबी ने प्रारंभिक निवेश राशि पर 2.75% प्रति वर्ष की निश्चित ब्याज दर की पेशकश की। ब्याज का भुगतान छमाही आधार पर किया जाना था। ब्याज को ध्यान में रखते हुए, निवेशक को 13 फीसदी से अधिक का वार्षिक रिटर्न मिला है। कुल वार्षिक रिटर्न सीएजीआर और एसजीबी निवेश पर आरबीआई द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर का योग है। वर्तमान में स्वर्ण बॉन्ड प्रति वर्ष 2.5% की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है।

ऐसे तय होती है कीमत: आरबीआई के अनुसार, बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता के गोल्ड के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) की रिपोर्ट के अनुसार, यह कीमत निकासी तिथि से तीन दिन पहले के कारोबारी सत्रों में सोने की बंद कीमतों के साधारण औसत के आधार पर तय होती है।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: यह सरकार की ओर से जारी निवेश पत्र (बॉन्ड) है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी। यह सोने में निवेश का विकल्प है। इसे सरकार की ओर से इस साल रिजर्व बैंक जारी करता है। इसकी खरीदारी म्यूचुअल फंड की तरह यूनिट में की जाती है।

इसे बेचने पर सोना नहीं बल्कि उस समय उसके मौजूदा मूल्य के आधार पर राशि मिलती है। वर्तमान में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम एक ग्राम और एक बार में अधिकतम 500 ग्राम तक सोना खरीद सकता है। एक वित्त वर्ष के लिए यह सीमा अधिकतम चार किलोग्राम है।

कितना ब्याज: इसमें दस्तावेज के रूप में और डिजिटल रूप में भी निवेश कर सकते हैं। इसकी परिपक्वता अवधि आठ साल की है। लेकिन पांच साल पूरा होने पर इसमें से राशि निकलने की छूट है। सरकारी स्वर्ण बॉन्ड पर 2.5 फीसदी की सालाना दर से ब्याज मिलता है। यह अर्ध-वार्षिक देय है। हालांकि, स्वर्ण बॉन्ड से अर्जित ब्याज कर योग्य है लेकिन इन बॉन्ड को भुनाने से होने वाले कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगता।