सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर लगाई रोक, बहाल होगी सांसदी

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नई दिल्ली। Rahul Gandhi’s sentence stayed: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम केस’ (modi surname case) में बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मानहानि का दोषी पाए जाने पर मिली दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। अब वह संसद में जाकर भागीदारी कर सकते हैं और उनकी सांसदी बहाल रहेगी।

यदि इस सजा पर रोक नहीं लगती तो राहुल गांधी सांसदी से अयोग्य हो जाते और अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाते। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस और I-N-D-I-A के तौर पर बने पूरे विपक्षी गठबंधन के लिए राहत की खबर है।

केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘हम यह जानना चाहते हैं कि अधिकतम सजा ही क्यों दी गई। यदि जज ने 1 साल और 11 महीने की भी सजा दी होती तो वह अयोग्य घोषित न होते।’

इस पर पूर्णेश मोदी के वकील ने कहा कि ऐसी सजा शायद इसलिए दी गई क्योंकि राहुल गांधी को पहले ही हिदायत दी गई थी, लेकिन उनके बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि इस केस में एक दिन की भी कम सजा होती तो राहुल गांधी सांसद रहते।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।

सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला किसी एक शख्स का नहीं है बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र का है। कैसे उन्हें उनके नुमाइंदे से वंचित किया जा सकता है।

कोई मर्डर या रेप थोड़ी किया था
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह कोई मर्डर, रेप या अगवा करने का केस थोड़ी है, जिसे जज ने गंभीर माना था। सिंघवी ने कहा, ‘राहुल गांधी कोई बहुत बड़े अपराधी नहीं है। उन पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहुत केस कराए हैं, लेकिन किसी में भी उन्हें दोषी नहीं पाया गया। पहले ही राहुल गांधी इस मामले के चलते संसद के दो सदन में नहीं जा सके हैं।’