सुपोषित मां अभियान के द्वितीय चरण के डाइट प्लान में मूंग दाल के लड्डू शामिल

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कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रेरणा से 17 मई से प्रारंभ होने जा रहे सुपोषित मां अभियान के द्वितीय चरण के लिए चयनित गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के डाइट प्लान को बेहतर बनाया गया है। सुपोषण के लिए इस बार सुबह के नाश्ते को अधिक पौष्टिक बनाते हुए उन्हें मूंग की दाल के लड्डू भी दिए जाएंगे।

हंस फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डा विपिन योगी और डा. सुनीता योगी ने बताया कि सुपोषण के लिए आवश्यक है कि शरीर को वे सभी तत्व मिलें जो शारीरिक विकास के लिए आवश्यक हैं। सुपोषित मां अभियान के पहले चरण और वर्तमान में चल रही चिन्हीकरण के दौरान सामने आया कि यह भी सामने आया था कि सुबह के समय के काम के दबाव के कारण महिलाएं नाश्ते या तो करती ही नहीं हैं या फिर जल्दबाजी में कुछ भी ऐसा खा लेती हैं जिससे उनके भीतर आधार तो हो जाता है, लेकिन पोषण नहीं मिलता।

इसी कारण इस बार महिलाओं और किशोरियों के लिए सुबह को नाश्ते के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए मूंग के दाल के लड्डू दिए जाएंगे। यह लड्डू मूंग की दाल के अलावा घी, खजूर, गुढ़ और मूंगफली से बने होंगे, जो उन्हें अधिक पोषण देंगे। इसके अलावा नाश्ते के लिए ही उन्हें दलिया भी दिया जाएगा।

महिलाओं और किशोरियों के डाइट प्लान को संतुलित बनाने के लिए उन्हें गेहूं, चना, बाजरा और मक्का के आटे के पैकेट भी दिए जाएंगे। महिलाओं से आग्रह किया जाएगा कि जब भी वे इनका उपयोग करें तो उन्हें एक निर्धारित मात्रा में मिलाकर चपाती या अन्य उत्पाद बनाएं जिससे हर बार अलग-अलग खाद्यान्न से मिलने वाला पोषण प्राप्त होगा।

चिन्हित गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को मिलने वाली डाइट किट में खाना पकाने के लिए तेल, दाल, सोयाबीन की वड़ी और चावल को भी सम्मिलित किया गया है। प्रयास यह भी किए जा रहे हैं कि सभी प्रकार के उत्पाद एक हाइजीनिक प्रक्रिया के तहत स्वयं के स्तर पर तैयार किए जाएं जिससे महिलाओं को स्वच्छ, गुणवत्तापूर्ण और पौष्टिक आहार मिल सके।

हर माह अपडेट होगा स्वास्थ्य कार्ड
अभियान के तहत चिन्हित महिलाओं और किशोरियों का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा, जिसमें उनसे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी दर्ज की जाएगी। हर माह पोषण किट भेंट करते समय उनके आवश्यक जांचें की जाएंगी जिन्हें स्वास्थ्य कार्ड में अपडेट भी किया जाएगा। इससे चिकित्सकों की टीम को उनके स्वास्थ्य में सुधार पर नजर रखना आसान हो जाएगा। रिपोट्र्स के आधार पर वे महिलाओं और किशोरियों के डाइट प्लान को भी बदल पाएंगे।