सुपरस्टार शाहरुख खान को जेल या रिहाई, 28 मई को होगा फैसला, जानिए क्यों

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कोटा। फिल्म ‘रईस’ के प्रमोशन के दौरान बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान के कोटा जंक्शन पर फेन्स की ओर गिफ्ट उछालने के दौरान मची भगदड़ से कई लोगों के चोटिल होने के मामले में चल रहे मुकदमे में अब कोर्ट 28 मई को सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश केएस आहलुवालिया ने शाहरुख खान की याचिका पर दोनों में से किसी के पक्ष में राय जाहिर करने के बजाय बहस के बाद बुधवार को यह आदेश दिया।

दरअसल 23 जनवरी 17 को फिल्म ‘रईस’ के प्रमोशन के दौरान शाहरुख राजधानी एक्सप्रेस से एक्ट्रेस सन्नी लिओन के साथ कोटा आये थे। शाहरुख ने ट्रैन में से ही कोटा जंक्शन पर अपने फैंस का अभिवादन करते हुए उनके बीच गिफ्ट उछाल दिया। गिफ्ट पाने की होड़ के चलते स्टेशन पर भगदड़ मच गई और सार्वजनिक सम्पत्ति को 1.90 लाख रुपए का नुकसान हो गया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को फैंस पर लाठीचार्ज तक करना पड़ा।

भगदड़ में मीडियाकर्मी, पुलिस, महिलाओं और कई युवक घायल हो गए। इस दौरान पुलिस व भीड़ में हुई धक्का-मुक्की में कई युवक गिर गए। भीड़ में कई लोगों व महिलाओं का दम घुटने लगा। कुछ युवक व युवतियां भीड़ में गिर गए। जिन्हें दूसरे लोगों ने बाहर निकाला। इनके जूता-चप्पल व सर्दी से बचने के कपड़े तक प्लेट फार्म पर ही छुट गए।

बवाल के बाद 13 फरवरी 17 को परिवादी विक्रम सिंह ने कोर्ट में इस्तागासा पेश किया। जिसके आधार पर रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने शाहरुख के खिलाफ रेलवे की सम्पति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया।

दो साल से चल रहे मामले में शाहरुख ने कोर्ट में जहां मुकदमा खत्म करने का आग्रह किया वहीं, राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, शिकायतकर्ता के शिकायत वापस लेने से राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा खत्म नहीं हो सकता।

बहस के बाद होगा फैसला
अभिनेता खान की ओर से वी आर वाजवा ने कोर्ट को बताया कि परिवादी को इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार नहीं था, केवल सरकारी एजेंसी ही मुकदमा दर्ज करा सकती है। ऐसे में प्राथमिकी को रद्दकर शाहरुख खान को राहत दी जाए।

इस पर सरकारी पक्ष की ओर से अधिवक्ता शेरसिंह महला ने कहा कि यह राजकीय सम्पत्ति के नुकसान का मामला है, इस कारण सरकार का मामला है। कोई परिवादी मामला वापस नहीं ले सकता। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद फैसला सुनाया जाएगा।