सकारात्मक सोच से ही जीवन में खुशियां संभव -टंडन

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कोटा। इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डवलपमेंट के स्वर्ण जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में कोटा चैप्टर और इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स के सयुंक्त तत्वावधान में टेक्नोलॉजी ऑफ़ हैप्पीनेस विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता कोटा चैप्टर के पूर्व चेयरमैन के एम टंडन ने कहा कि ख़ुशी सब लोगों के जीवन का लक्ष्य है। किन्तु ख़ुशी लक्ष्य नहीं है एक जीवनभर की यात्रा है। सुख दुःख इस जीवन की फ्रीक्वेंसी या आवृति में आने वाले सिग्नल हैं, जो क्षणिक हैं ।

हर व्यक्ति उतना खुश रह सकता है, जितना वो चाहता है । खुद को खुश रहने का दायित्व हम पर है। इसके लिए कुछ न कुछ करने योग्य होना चाहिए । लोगों से रिश्ते प्रगाढ़ होने चाहिए और सोच सकारात्मक होनी चाहिए । कोई सामाजिक सरोकार हो तो प्रसन्नता कई गुना बढ सकती है।

टंडन ने बताया की खुश व्यक्ति स्वयं को भूल जाता है और दूसरों के लिए समर्पित हो जाता है। दुखी व्यक्ति इसके विपरीत आत्मकेंद्रित हो करअवसाद में चला जाता है । जीवन भर की ख़ुशी की यात्रा हँसते -गाते बिताते रहें । आर्ट ऑफ़ लिविंग की ट्रेनर उषा बर्धवा ने विभिन्न प्राणायाम और मेडिटेशन के माध्यम से खुश रहने का आसान तरीका है।

सुदर्शन क्रिया को अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम खुश रहने के साथ साथ उर्जावान भी रह सकते है। सचिव डॉ अमित राठौर ने धन्यवाद दिया और डॉ अनपूर्णभार्गव ने संचालन किया । अशोक सक्सेना नरेन्द्र शुकला और सीकेएस परमार ने अपने विचार रखे | चैप्टर की चेयरपरसन अनिता चौहान ने बताया कि चैप्टर द्वारा फ्राइडे शेयरिंग सेशन का निशुल्क आयोजन होगा, जो समाज के सभी वर्गों के प्रशिक्षण एवं विकास में सहयोगी होगा।