लाल सागर जलमार्ग पर विद्रोहियों के हमले से भारत में बढ़ेगी महंगाई

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नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने आगाह किया है कि लाल सागर जलमार्ग पर ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा जहाजों पर बार-बार किए जा रहे हमलों से उत्पन्न संकट के कारण भारत में कीमतों का स्तर ऊंचा उठ सकता है।

दरअसल विदेशों से भारत में पेट्रोलियम का आयात बड़े पैमाने पर होता है। इसका शिपिंग मार्ग बदलने से किराया-भाड़ा काफी बढ़ गया है और माल के आने में समय भी ज्यादा लग रहा है। इससे घरेलू प्रभाग में पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है।

अंतरिम आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को फिलहाल अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें बढ़ती महंगाई, विकास की धीमी गति एवं तेजी से बढ़ता वित्तीय दबाव आदि शामिल हैं।

भारत का बाहरी क्षेत्र यानी आयात-निर्यात कारोबार में जोखिम बढ़ने की संभावना है क्योंकि भौगोलिक तनाव में इजाफा हो रहा है। रूस-यूक्रेन के बाद इजरायल- हमास के बीच युद्ध जारी रहने तथा अमरीका- ईरान के बीच तनाव बढ़ने से हालात खराब होते जा रहे हैं।

लाल सागर का जलमार्ग अंतर्राष्ट्रीय कारोबार की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है। कंटेनरों में लगभग 30 प्रतिशत वैश्विक कारोबार इसी जलमार्ग से होता है। जबकि संसार का लगभग 12 प्रतिशत आयात-निर्यात भी इसी रास्ते किया जाता है।

जहां तक भारत का सवाल है तो यहां से यूरोप को तकरीबन 80 प्रतिशत वाणिज्यिक कारोबार इस मार्ग से होता है। चूंकि किराया-भाड़ा एवं बीमा प्रीमियम में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है इसलिए जहाजों को अपना मार्ग बदलने के लिए विवश होना पड़ रहा है। अब जहाज अफ्रीका महद्वीप के दक्षिणी छोर से कैप ऑफ गुड होप वाले मार्ग का उपयोग कर रहे हैं जो काफी लम्बा रास्ता है।

समीक्षकों का कहना है कि जब तक लाल सागर क्षेत्र का संकट समाप्त नहीं होता तब तक भारत सहित अन्य एशियाई देशों का आयात-निर्यात कारोबार प्रभावित होता रहेगा।

भारत से बासमती चावल, चाय तथा मसालों के निर्यात पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि पेट्रलियम पर अभी तक ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है मगर आगे इसका आयात खर्च बढ़ने की संभावना है।