लक्ष्मी मित्तल को पछाड़कर भारत के पांचवें सबसे बड़े रईस बने राधाकिशन दमानी

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मुंबई। दिग्गज निवेशक और रीटेल चेन डीमार्ट (DMart) को ऑपरेट करने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स (Avenue Supermarts) के फाउंडर राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) दुनिया का अमीरों की लिस्ट में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। Bloomberg Billionaires Index के मुताबिक वह आर्सेलर मित्तल के लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) को पछाड़कर भारत के पांचवें सबसे बड़े रईस बन गए हैं। वह 22.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 73वें नंबर पर हैं जबकि लक्ष्मी मित्तल 21.4 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ 77वें नंबर पर हैं।

Bloomberg Billionaires Index के मुताबिक इस साल दमानी की नेटवर्थ में 7.67 अरब डॉलर की तेजी आई है जबकि मित्तल की नेटवर्थ 5.02 अरब डॉलर बढ़ी है। दमानी भारत के अमीरों की सूची में 5वें स्थान पर आ गए हैं। उनसे आगे अब रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), अडानी ग्रुप (Adani Group) के गौतम अडानी (Gautam Adani), आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के अजीम प्रेमजी (Azim Premji), एचसीएल (HCL) के शिव नाडर (Shiv Nadar) हैं। अंबानी की नेटवर्थ 91.8 अरब डॉलर, अडानी की 71.3 अरब डॉलर, प्रेमजी की 39.4 अरब डॉलर और नाडर की 31.5 अरब डॉलर है।

एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयरों में तेजी
दमानी की कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयरों में हाल में काफी तेजी आई है। शुक्रवार को यह 3.95 फीसदी की तेजी के साथ 4241.90 रुपये पर बंद हुआ। इससे दमानी की नेटवर्थ एक दिन में 78.3 करोड़ डॉलर बढ़ गई। एवेन्यू सुपरमार्ट्स 2.74 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ देश की 16वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है। एवेन्यू सुपरमार्ट्स को सितंबर रिव्यू के दौरान निफ्टी में शामिल किया जा सकता है। यह कंपनी मार्च 2017 में लिस्ट हुई थी और पिछले 4 साल में इसने अपने इश्यू प्राइस से 1000 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। एवेन्यू सुपरमार्ट्स में दमानी के परिवार के 80% शेयर हैं।

सिंगल रूम अपार्टमेंट से शुरुआत
राधाकिशन दमानी का परिवार मूलरूप से राजस्थान में बीकानेर का रहने वाला है। उनका जन्म 1956 को हुआ था। उनका परिवार मुंबई में एक सिंगल रूम अपार्टमेंट में रहता था। उन्होंने मुंबई युनिवर्सिटी से कॉमर्स की पढ़ाई शुरू तो की थी, लेकिन पहले ही साल छोड़ भी दी थी। दमानी के पिता शिव किशन दमानी स्टॉक ब्रोकर थे। पिता की मौत के बाद राधाकिशन दमानी ने अपने भाई गोपीकिशन दमानी के साथ मिलकर शेयर बाजार पर अपना ध्यान केंद्रित किया और 5000 रुपये के साथ निवेश की शुरुआत की। उन्होंने बेहतर मौके तलाश कर छोटी कंपनियों में निवेश शुरू किया।

रीटेल कारोबार पर दांव
सन 1990 तक उन्होंने निवेश कर करोड़ों कमा लिए थे। 1990 के दशक में जब हर्षद मेहता ने देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था, तब दमानी को जबर्दस्त मुनाफा हुआ। उस समय हर्षद मेहता ने शेयर बाजार की तेजी पर दांव लगाया था, वहीं दमानी ने बाजार की गिरावट पर दांव लगाया था। शेयर घोटाले का खुलासा होने के बाद बाजार में जबर्दस्त गिरावट आई जिससे दमानी को भारी मुनाफा हुआ। साल 1995 में दमानी ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के आईपीओ में पैसा लगाया जिससे उन्हें मोटा मुनाफा हुआ। फिर उन्होने रीटेल कारोबार में उतरने की सोची और धीरे-धीरे उनका कारोबार चल निकला।

ऐसे बने रीटेल किंग
राधाकिशन दमानी देश में रीटेल बिजनस के किंग माने जाते हैं। उन्होंने 1999 में रीटेल बिजनेस शुरू किया था। तब कुमार मंगलम बिड़ला और फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी भी इस सेक्टर में नहीं आए थे। साल 2002 में मुंबई के पवई इलाके में डीमार्ट का पहला स्टोर खोला गया था। तब से लेकर आज तक उनकी कंपनी के स्टोर्स लगातार बढ़े हैं। आज देश में 11 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में कंपनी के 238 स्टोर्स हैं। डीमार्ट की खासियत यह है कि उसक कोई भी स्टोर किराए पर नहीं होता है। सभी स्टोर कंपनी के अपने होते हैं। कंपनी ने रीटेल बिजनस में सफलता के झंडे गाड़े हैं। कंपनी का जोर मार्जिन के बजाय वॉल्यूम पर रहा है।