रिफॉर्म के लिए परफॉर्म करना जरूरी, तभी ट्रांसफोर्म संभव: सभापति काबरा

31

व्यक्तित्व विकास एवं नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यशाला गुरुकुल का आयोजन

कोटा। Personality Development Workshop: पूर्वी राजस्थान प्रदेशिक माहेश्वरी सभा की ओर से झालावाड़ रोड स्थित माहेश्वरी भवन में रविवार को व्यक्तित्व विकास एवं नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यशाला गुरुकुल का आयोजन किया गया।

प्रदेशाध्यक्ष महेश अजमेरा ने बताया कि पूर्वी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के साथ महिला एवं युवा संगठन के संयुक्त तत्वाधान में कोटा जिला माहेश्वरी सभा, जिला महिला मण्डल व जिला युवा संगठन द्वारा गुरूकुल कार्यशाला का आयोजन किया गया। सचिव आनंद राठी ने बताया कि कार्यशाला के मुख्य अतिथि अ.भा.माहेश्वरी महासभा के सभापति संदीप काबरा थे। अध्यक्षता पश्चिमांचल अ.भा.माहेश्वरी महासभा के उपसभापति राजेश कृष्ण बिरला ने की।

इस अवसर पर पूर्वी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अविनाश अजमेरा सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी को अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी सभा के अर्थमंत्री राजकुमार काल्या ने शपथ ग्रहण करवाई। स्वागत भाषण में माहेश्वरी सभा के प्रदेशाध्यक्ष महेश अजमेरा ने अपने 18 माह के कार्यो का ब्यौरा पेश किया और संगठन की प्रगति रिर्पोट मंच से पेश की। साथ ही महासभा की 14 फ्लैगशिप योजनाओं पर अपनी आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा बतायी।

पश्चिमांचल अ.भा.माहेश्वरी महासभा के उपसभापति राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला संगठन में मजबूती का आधार बनती है। युवाओं को सीखने का मंच मिलता है। संगठनों की कमियों को दूर करने पर विचार-विर्मश होता है। उन्होने नवीन युवा टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा टीम यहां से जो सीख कर जाए, उसे संगठन में अमलीजामा पहनाएं। बिरला ने कहा कि प्रदेश में अन्य प्रांतो की अपेक्षा हमारी संख्या कम है, परन्तु संगठन को ताकत व शक्ति देने में हम सबसे आगे है।

मुख्य अतिथि संदीप काबरा ने कहा कि रिफोर्म के लिए सबसे पहले पदाधिकारियों को परर्फोमेंस करने की जरूरत है, तभी ट्रांसफोर्म संभव है। उन्होंने संगठन की विभिन्न इकाइयों को समानान्तर नहीं चलकर मिलकर कार्य करने की सीख दी। उन्होने कहा कि माहेश्वरी संगठन एक सामजिक संगठन है। हमें प्रोटोकॉल को कम से कम फॉलोकर टाईम मेजेन्टमेंट करने की आवश्यकता है।

संदीप काबरा ने कहा कि कि भले ही देश में माहेश्वरियों की संख्या सीमित है। हम देश की जनसंख्या में मुठ्ठी भर हैं। परन्तु माहेश्वरी समाज सदियों से देश निर्माण की भूमिका में सक्रिय है। वर्ष 1918 में महासभा ने स्वेदशी आन्दोलन को बल देने के लिए मेन्यूफेच्यूरिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव पारित किया था। उन्होनें कहा कि समय परिवर्तित होने से हमे व्यापार को भी परिवर्तित करने की जरूरत है।

काबरा ने महासभा के महिलाओं और युवाओं के प्रकल्पों को भी मंच से बताया।उन्होने कहा कि महासभा के मिशन 100 आईएएस के माध्यम से 185 विद्यार्थियों को सिविल सर्विसेज की तैयारियां करवा रहे हैं।आधुनिकरण के बदलते व्यवसायिक चुनौतियों के महासभा के प्लेटफार्म पर 1900 युवाओ को जोड़कर प्रशिक्षण दिया है। गर्भावस्था से शिशु सीखना प्रारंभ करता है। इसके लिए गर्भावस्था से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों के विकास के लिए विशेष कोर्स बनाए गए हैं।

विशिष्ट अतिथि गोविंद माहेश्वरी ने पाठशाला, कार्यशाला तथा गौशाला तक के महत्व व सफलता को मंच से साझा किया। विशिष्ट अतिथि अ.भा.महासभा के अर्थमंत्री राजकुमार काल्या ने सम्पर्क पोर्टल व लिंगानुपात भेद पर अपने विचार प्रकट किए। विशिष्ट अतिथि रमाकांत बाल्दी संयुक्त मंत्री पश्चिमांचल अ.भा.मा.महासभा ने शायरी भरे अंदाज में वरदान को अभिशाप अपनाने वाली पीढी पर कहा कि मां-बाप को पहले की पीढी दौलत मानती थी, परन्तु आज की पीढी दौलत को मां-बाप समझ बैठी है।

श्री माहेश्वरी पंचायत के मंत्री रामचरण धूत ने बताया कि ‘गुरुकुल’ प्रशिक्षण कार्यशाला में पूर्व राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने अध्यक्ष व पदाधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्यों की व्याख्या व्याख्या की। उपाध्यक्ष पश्चिमांचल अ.भा. माहेश्वरी महिला संगठन मधु बाहेती ने श्रृंखलाबद्ध संगठन से जुड़ने की सलाह दी। शिखा भदादा ने टाइम को इंवेस्टमेंट मानकर खर्च करने की सलाह दी।

यह रहे मौजूद
मंचासीन अतिथियो के साथ प्रदीप लड्ढा, एबीएमएम संपर्क पोर्टल के संयोजक अशोक माहेश्वरी, अजमेर, कोटा, बून्दी, बारां और झालावाड़ के जिला अध्यक्ष एवं जिला सचिव सहित बडी संख्या में संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।