रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, गेहूं की एमएसपी 1,840 रुपये तय

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गेहूं की एमएसपी 105 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है। वहीं, चने की एमएसपी 220 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर की 225 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों की एमएसपी प्रति क्विंटल 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है।

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने त्योहारी मौसम में किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने आज रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का ऐलान कर दिया। सरकार के ताजा फैसले के मुताबिक, गेहूं की एमएसपी 105 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है। वहीं, चने की एमएसपी 220 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर की 225 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों की एमएसपी प्रति क्विंटल 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है।

रबी फसलों की नई एमएसपी
इस तरह, फसल वर्ष 2018-19 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़कर 1,840 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। फसल वर्ष 2017-18 में प्रति क्विंटल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,735 रुपये था। इसी तरह, सरसों की एमएसपी 4,200 रुपये प्रति क्विंटल, चना की 4,620 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर की 4,475 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

किसानों को 62,635 करोड़ रुपये का फैसला: सरकार
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। मौजूदा फसल वर्ष में समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला कृषि लागत एवं कीमत आयोग (सीएसीपी) के सुझाव पर लिया गया है।

यह किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ दिए जाने के सरकार के वादे के भी अनुरूप है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा भी कि एमएसपी में वृद्धि का फैसला, किसानों की आमदनी बढ़ाने के हमारा संकल्प को दिखाता है। उन्होंने बताया कि रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने से किसानों को 62 हजार 635 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

किसान आंदोलन का भी दबाव?
गौरतलब है कि एक दिन पहले मंगलवार को ही किसानों का हुजूम अपनी मांगों के साथ हरिद्वार से दिल्ली पहुंचा जिन्हें पहले यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक लिया गया था। उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई। उस दौरान किसान संगठन के प्रतिनिधियों की केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत हुई। उसके बाद किसानों ने अहम मांगें मान लिए जाने की खबर दी और आज सुबह आंदोलन वापस लेते हुए दिल्ली से लौट गए।