महेश जोशी ने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफे के बाद क्या बोला, जानिए

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जयपुर। राजस्थान में सरकारी मुख्य सचेतक से इस्तीफा देने के बाद मंत्री महेश जोशी ने मीडिया से बात की है। जलदाय मंत्री ने कहा- अगर इसे कार्रवाई माना जाए तो मैं इसका सम्मान करता हूं। तीन से चार महीने पहले ही मैंने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत पेशकश कर दी थी।

महेश जोशी ने कहा कि आलाकमान का निर्णय शिरोधार्य है। अगर इसे कार्रवाई माना जाए तो मैं इसका सम्मान करता हूं। मैंने हमेशा आलाकमान के फैसले का आदर किया है। फैसला चलती विधानसभा के बीच हुआ है। मैं अपना इस्तीफा दे चुका हूं।

मैं तो अक्टूबर से कहता आ रहा हूं। मुझे एक पद से मुक्ति दी जाए। जब मुझे आप ने मंत्री बना दिया तो दोहरे की बजाय एक तरफ काम करूं। वह ज्यादा अच्छा है। लेकिन जो भी परिस्थितियां थी। मैंने इस्तीफा दिया। हाईकमान मे मंजूर किया। सीएम अशोक गहलोत ने मंजूर किया।

रंधावा ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना: राजधानी जयपुर में मीडिया से बात करते हुए जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पार्टी प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना है। मुझे खुशी है इस बात की कार्रवाई भी हो गई। मेरी इच्छा भी पूरी हो गई। मुझे इंतजार है कि इस बात की जिन लोगों की और शिकायतें रही है। पार्टी को कमजोर करने की, पार्टी के खिलाफ काम करने की, सरकार के खिलाफ काम करने की। मुझे ही नहीं सबको को भी इंतजार रहेगा कि उन पर क्या कार्रवाई होती है। कार्रवाई हो। सब कार्यकर्ताओं में बराबरी का संदेश जाए। हालांकि, मंत्री महेश जोशी ने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा पायलट कैंप के नेताओं की तरफ ही माना जा रहा है।

पायलट कैंप की थी ऐक्शन लेने की मांग: महेश जोशी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह कार्रवाई का हिस्सा है। बाकि पर भी कार्रवाई होगी। साथ में रंधावा ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत का पालना भी किया गया है। बता दें, पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने पर मंत्री धारीवाल और महेश जोशी को कांग्रेस आलाकमान ने नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब भी दे दिया गया था। पायलट कैंप ऐक्शन लेने की मांग कर रहा था।