भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का ब्लूप्रिंट पेश

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नई दिल्ली।आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19आज पेश कर दिया गया है, जो कि मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की देखरेख में तैयार हुआ है। इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल प्रदर्शन और मौजूदा विकास दर की झलक दिखती है।

सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का ब्लूप्रिंट पेश किया है। हालांकि उन्होंने आगाह भी किया है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को 8 प्रतिशत सालाना विकास दर बरकरार रखनी होगी। तभी साल 2025 तक देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन पाएगा।

7 प्रतिशत रहेगा जीडीपी विकास दर
सुब्रमण्यन ने अनुमान जाहिर किया कि वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी विकास दर 7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि यह तभी संभव होगा, जब अर्थव्यवस्था स्थिर रहेगी और वित्त वर्ष 2019 में चालू खाता घाटा ((fiscal deficit) 5.8 प्रतिशत रहेगा, जो कि वित्त वर्ष 2018 में 6.4 प्रतिशत था। इसके अलावा सुब्रमण्यन ने वित्त वर्ष 2020 के लिए उच्च निवेश की दर का अनुमान जाहिर किया है। साथ ही ढ़ांचागत सुधार की उम्मीद जताई है।

तेल की कीमतों में कमी का अनुमान
सर्वे में बताया गया है कि जनवरी-मार्च के दौरान अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह तेल की कीमत में अस्थिरता रही है। साथ ही एनबीएफसी के हालात भी वित्त 2019 के सुस्ती के लिए जिम्मेदार हैं। सुब्रमण्यन ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2020 में तेल की कीमतों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को मिला प्रचंड बहुमत अर्थव्यवस्था की विकास दर को आगे बढने में मदद करेगा,क्योंकि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता जरूरी होती है।

किसानों की आय में बढ़ोत्तरी का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2019 में आर्थिक समेकन के रास्ते पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि एनपीए में गिरावट कैपेक्स चक्र को मदद करेगी। सुब्रमण्यन के मुताबिक मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी को ब्याज दर में कटौती करने को लेकर मदद करनी चाहिए। सर्वे के मुताबिक 2018 मध्य से ग्रामीण आय में बढ़ोत्तरी जारी है। साथ ही अंदेशा जाहिर किया गया है भारतीय किसान वित्त वर्ष 2019 में कम उत्पादन करेंगे, क्योंकि खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी रही है। बता दें कि पिछले साल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कमी दर्ज की गई है।