बैंकों में हड़ताल से कोटा संभाग में 1200 करोड़ का कारोबार प्रभावित

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कोटा। बैंक कर्मी एवं अधिकारी युनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के आव्हान पर कोटा में सभी बैंक का काम काज ठप्प रहा। सहायक महाप्रबंधक से लेकर सफाई कर्मचारी तक हड़ताल पर होने के कारण बैंको के ताले बंद रहे। कोटा जिले की 200 से भी अधिक बैंक शाखाओं के लगभग 2000 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया।

हड़ताल से नगदी लेनदेन, अंतरण,आरटीजीएस, क्लियरिंग ,ऋण विभाग से संबंधित सभी गतिविधियां ठप्प हो गई। हड़ताल से कोटा जिले में लगभग 800 करोड़ तथा संभाग में 1200 करोड़ रु का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।<br>हड़ताली बैंक कर्मचारी प्रातः 10.15 बजे बैंक ऑफ बड़ौदा की झालावाड़ रोड शाखा के समक्ष एकत्रित होगये तथा केंद्र सरकार तथा बैंक विलय के प्रस्ताव के विरोध में नारेबाजी प्रारम्भ करदी। प्रदर्शन के पश्चात विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किये।

उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक तथा विजया बैंक के विलय के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की। उन्होंने बताया कि पूर्व में किये गए बैंकों के विलय से कोई लाभ नहीं हुआ । भारतीय स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों के विलय के बाद बैंक घाटे में चल गया एनपीए बढ़ गया तथा बडी संख्या में शाखाएं बंद हो गई। आम ग्राहक पर कई प्रकार के शुल्कों में बढोतरी होगई।उन्होंने विलय की प्रक्रिया को भी असंवैधानिक बतलाया। उन्होंने इसे एनपीए की वसूली से जनता का ध्यान बटाने का प्रयास बताया।

यूनियन नेताओं ने आगे भी संघर्ष का संकल्प व्यक्त किया। बैंक कर्मी नेता शरण लाल गुप्ता, अशोक ढल, ललित गुप्ता, संजीव झा, विपिन चोरायवाल, डीएस साहू,अनिल ऐरन,डी के गुप्ता, हेमराज सिंह गौड़, रविकांत शर्मा, सुरेश खंडेलवाल और बैंक अधिकारी नेता आरके जैन, मुकेश वर्मा, हेमराज धाकड़ तथा सेवानिवृत नेता रवि गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किये। यूनाइटेड फोरम कोटा के संयोजक पदम पाटोदी नें हड़ताल को को शत प्रतिशत सफल बताया तथा सभी बैंक कर्मी एवं अधिकारियों का अभिवादन किया।