गणित के बिना सब अधूरा, जीवन के हर क्षण में गणित :प्रो.नीलिमा सिंह

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कोटा। एसोसिएशन ऑफ मैथेमेटिक्स टीचर्स ऑफ इंडिया (एएमटीआई) चैन्नई तथा दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय 53वीं नेशनल मैथ्स कांफ्रेंस का शुभारंभ बुधवार को आरकेपुरम स्थित दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल में हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.नीलिमा सिंह, एनपीसीआईएल के साइट डायरेक्टर वी.के. जैन तथा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक राजेश माहेश्वरी रहे। अतिथियों के स्वागत के बाद कार्यक्रम की सेमिनार पत्रिका (सोविनियर) का विमोचन किया गया।

उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रो.सिंह ने कहा कि गणित, एक ऐसा विषय जो हर क्षण, हर जगह व्याप्त है। गणित के बिना सब अधूरा है और जीवन के हर काम में गणित है। गणित उलझने नहीं बल्कि सुलझने के लिए है। मैं स्वयं बचपन में गणित से दूर भागती थी, लेकिन जब उच्च शिक्षा की तरफ बढ़े तो लगा कि गणित जरूरी है और इसमें रूचि लेनी चाहिए। आज हमारा उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को सुगम और आधुनिक तरीकों से गणित का अध्यापन करवाएं ताकि वे गणित को जीवन का उद्देश्य बनाएं।

विशिष्ट अतिथि एनपीसीआईएल के साइट डारेक्टर वी.के.जैन ने कहा कि कोचिंग हब कोटा के लिए यह सबसे बेहतर अवसर है, जहां हजारों विद्यार्थी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और इसी शहर में राष्ट्रीय स्तर की गणित की कांफ्रेंस हो रही है। इसका लाभ आने वाले वर्षों में कोटा ही नहीं वरन पूरे राजस्थान को देखने को मिलेगा। कांफ्रेंस में होने वाली चर्चाएं निश्चित रूप विद्यार्थियों के लिए गणित को सरल बनाएंगी।

अध्यक्षता कर रहे एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि ये तीसरी बार कांफ्रेंस राजस्थान में हो रही है। पहले दो बार जयपुर में हुई। कोटा इस तरह के आयोजनों के लिए उपयुक्त शहर है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में शिक्षक हैं, मैंने स्वयं ने गणित पढ़ाने के साथ शुरूआत की। बड़े गणितज्ञों के कोटा आने से यहां के टीचर्स को सीखने को मिलेगा। उन्हें भी राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं को सिद्ध करने के लिए प्लेटफार्म मिलेगा।

एसोसिएशन ऑफ मैथेमेटिक्स टीचर्स ऑफ इंडिया की सचिव डॉ.आर.शांति ने एसोसिएशन द्वारा वर्षभर किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया। वार्षिक कांफ्रेंस के अलावा विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए आयोजित की गई वर्कशॉप, विभिन्न संस्थानों में व्याख्यान की जानकारी दी।

संस्था के चेयरमैन जे.पांडुरंगन ने कहा कि संस्था गणित में निरन्तर शोध एवं विद्यार्थियों के अध्ययन को सरल बनाने के लिए अध्ययनरत है। संस्था द्वारा समय-समय पर सरकार को सुझाव भी दिए जाते हैं और इन सुझावों पर सरकार अमल भी करती है। डीडीपीएस संस्था की ओर से प्रधानाचार्य डॉ.आईपी दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

विद्यार्थियों की ज्यादा शिक्षकों की रूचि कम
पत्रकारों से बातचीत करते हुए संस्था की सचिव डॉ. आर शांति ने बताया कि गणित के आधुनिकत तरीकों से रूबरू करवाने के लिए जब वर्कशॉप करवाई जाती है तो यह देखने में आता है कि इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती है और इसी अनुपात में शिक्षकों के लिए आयोजित की जाने वाली वर्कशॉप में शिक्षक बहुत ही न्यून होते हैं।

डॉ.शांति ने कहा कि संस्था गणित में आधुनिकता लाने की कोशिश कर रही है। इसके तहत इलेक्ट्रोनिक उपकरणों की मदद से गणित को कैसे समझा जा सकता है। गणित में विजुअलाइजेशन के माध्यम से विद्यार्थी ज्यादा समझ सकता है। इसके साथ ही गणित की ऐसी विधा को भी प्रचलित किया जा रहा है, जिसमें बिना कुछ लिखे या बिना कुछ सिद्ध किए परिणाम तक पहुंचा जा सके।

आगे ये होगा
डीडीपीएस के सीईओ रवि गर्ग ने बताया कि हर वर्ष आयोजित की जाने वाली यह कांफ्रेंस राजस्थान में तीसरी बार आयोजित की जा रही है, इससे पहले दो बार जयपुर में आयोजित की गई। देश के विभिन्न स्कूलों-कॉलेजों से करीब 200 मैथ्स के प्रोफेसर, लेक्चरर, रिसर्च स्कॉलर व स्टूडेंट इसमें शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन पेपर प्रजेन्टेशन के साथ विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।