पेट्रोल, डीजल से चलने वाली गाड़ियां बंद नहीं होंगी: नितिन गडकरी

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नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन देश में प्रतिबंधित नहीं होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात ऐसे वक्त में कही जब इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक वाहनों के ओर तेजी से रुख करने को लेकर ऑटो इंडस्ट्री चुनौतियों भरे रास्ते से गुजर रही है। गडकरी ने कहा, ‘सरकार का इरादा उत्पादन पर पाबंदी लगाने का नहीं है और न हम मौजूदा पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर रोक लगाना चाहते हैं। लोग आईसीई गाड़ियां खरीदने से कतरा रहे हैं जबकि हम ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहे।’

ऑटो इंडस्ट्री की चिंता पर वित्त मंत्री से की बात: गडकरी
ऑटो इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने गडकरी को बीएस VI इंधन के अनुकूल इंजन बनाने के कारण वाहनों की कीमतों में वृद्धि का जानकारी दी। इस पर गडकरी ने कहा कि वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोबीएस IV से बीएस VI के अनुकूल इंजन की तरफ रुख करने के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्चों के बारे में बताएंगे। गडकरी ने उम्मीद जताई कि सरकार फौरी तौर पर जीएसटी में कटौती पर विचार कर सकती है।

ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ीं तीन बड़ी चिंताओं का जिक्र
केंद्रीय मंत्री ने ऑटो इंडस्ट्री बॉडी सियाम के 59वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधन के दौरान ऑटो सेक्टर से जुड़ीं उन तीन बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया, जिनसे सरकार को दो-चार होना पड़ रहा है- कच्चे तेल का आयात, प्रदूषण और सड़क हादसे।

उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि कच्चे तेल का आयात हमारी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है। आयात की रकम 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी है। प्रदूषण हमारी दूसरी बड़ी चुनौती है जो पूरी दुनिया पर असर डाल रही है। सिर्फ ऑटो इंडस्ट्री के कारण प्रदूषण नहीं बढ़ रहा है। प्रदूषण घटाना राष्ट्रीय और सामाजिक हित में जरूरी है। तीसरा, हम सड़क हादसों की समस्या का समाधान चाहते हैं। देश में हर साल पांच लाख रोड ऐक्सिडेंट के वारदात होते हैं। हम सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मोटर वीइकल्स ऐक्ट 2019 लेकर आए हैं।’

ऑटो इंडस्ट्री की मंदी खत्म करने को प्रयासरतः गडकरी
गडकरी ने कहा, ‘हम विभिन्न पक्षों की राय लेने को तैयार हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो इंडस्ट्री की मंदी खत्म करने की लगातार कोशिश कर रही हैं। सरकार ने सिस्टम में ज्यादा लिक्विडिटी सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया है।’ वित्त मंत्री ने 23 अगस्त को ऑटो इंडस्ट्री के हित में कई कदमों का ऐलान किया। इनमें ऑटो लोन को सस्ता करने, पुराने सरकारी वाहनों की जगह नई गाड़ियों की खरीद पर लगी पाबंदी हटाने, वन टाइम रजिस्ट्रेशन फी को जून 2020 तक टालने जैसे फैसले शामिल हैं।