इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए बदल सकते हैं GST स्लैब

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नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन के दौरान उत्पादों की खपत बढ़ाने के लिए सरकार जीएसटी की दरों में बदलाव कर सकती है। 20 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार जीएसटी स्लैब घटाने का ऐलान कर सकती है। यही कारण है कि इस बैठक से पहले वित्त मंत्रालय ने आकलन शुरू कर दिया है, कि दरों में बदलाव होने के बाद रेवेन्यु में कितना नुकसान हो सकता है।

जीएसटी दरों में बदलाव की जांच करने वाला फिटमेंट पैनल जल्द ही बैठक कर सकता है। इस बैठक में राज्यों और इंडस्ट्री की ओर से दिए गए सुझावों पर चर्चा होगी। इस पैनल में केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं।

बड़े कंज्यूमर उत्पादों में शामिल ऑटोमोबाइल, टायर, सीमेंट, एयर कंडीशनर, बड़े एलसीडी टीवी फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी स्लैब में आते हैं। ऑटोमोबाइल के साइज पर अतिरिक्त शुल्क भी लगता है, जिससे वाहन पर लगने वाला कुल टैक्स बहुत ज्यादा हो जाता है।

कई राज्यों ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है ऑटो और सीमेंट के टैक्स रेट में कटौती की जाए, जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार आ सके। कई राज्यों के नीति-निर्माताओं का कहना है कि जीएसटी रेट स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की जरूरत है, जैसे कि 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाना।

ऑटोमोबाइल टैक्स दर दूर करना सबसे बड़ा मुद्दा
गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑटोमोबाइल की टैक्स दरों में कटौती करना सबसे बड़ा मुद्दा होगा, हालांकि विभिन्न राज्यों की मुद्दे को लेकर एक जैसी राय नहीं है। सरकार फिलहाल सभी राज्यों के सुझावों पर गौर कर रही है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पॉलिसी रेट में 35 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करने के बाद, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अब यह सरकार के हाथ में है कि वह इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए सही राजकोषीय निर्णय ले।