पीए के रिश्वत लेते पकडे जाने के बाद जिला प्रमुख गोचर भूमिगत

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कोटा। पीए चंद्र प्रकाश गुप्ता को 25 हजार की रिश्वत लेते पकडे जाने के बाद जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर भी एसीबी की रेड के डर से भूमिगत हो गये हैं। जिला परिषद में शुक्रवार को ACB की टीम की कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में दूसरे आरोपी जिला परिषद की ही निर्माण शाखा के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव फरार हैं।

वहीं जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर की मुश्किलें बढ़ीं हैं। उन्हें ACB की कार्रवाई की चिंता सता रही है। ACB के पुख्ता सूत्रों के मुताबिक पीए चंद्रप्रकाश के अन्य साथी कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव कार्रवाई के बाद से ही फरार चल रहे हैं।

इस मामले में ACB जिला प्रमुख की भूमिका की भी जांच में जुटी हुई है। काल्याखेडी के सरपंच से निर्माण कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने की एवज में शुक्रवार को जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर के पीए ने 25 हजार की रिश्वत ली थी। जिला परिषद में शुक्रवार दोपहर में ACB ने कार्रवाई की थी, उसके बाद से ही जिला प्रमुख भूमिगत हो गए हैं। जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर का मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है।

साथ ही वे सरकारी निवास कोटा और सांगोद स्थित घर पर भी मौजूद नहीं हैं। पूर्व में भी जिला प्रमुख गोचर के खिलाफ कई बार भ्रष्टाचार की शिकायतें होती रहीं हैं। जिला परिषद में कार्रवाई के लिए ACB ने 2 टीमें बनाईं थीं, जिसमें पहली टीम ने सीआई दलबीर सिंह फौजदार की अगुवाई में जिला परिषद कार्यालय में थी।

इसमें दिलीप सिंह, भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, मनोज कुमार, मुकेश कुमार और मोहम्मद खालिक शामिल थे। दूसरी टीम कमलकांत को पकड़ने के लिए लगाई गई थी। इस टीम में सीआई रमेश आर्य की अगुवाई में कॉन्स्टेबल पवन कुमार और शक्ति सिंह शामिल थे।