पांच राज्यों में चुनाव से पहले अक्तूबर 2023 तक 1021 करोड़ रुपये जब्त: सीबीडीटी

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नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले आयकर विभाग ने उन राज्यों में हुए पिछले चुनावों की तुलना में अधिक अघोषित नकदी जब्त की गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने बुधवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले आयकर विभाग सहित प्रवर्तन एजेंसियों ने निगरानी बढ़ाई और इस उद्देश्य के लिए बनाए गए टोल-फ्री नंबरों पर अवैध नकदी और आभूषणों के बारे में जानकारी भी हासिल की।

नितिन गुप्ता ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘जिन राज्यों में हम अभी चुनाव में हैं, हमने 2019 के राज्य विधासभा या लोकसभा चुनावों में इसी अवधि में जब्त की गई नकदी से अधिक नकदी जब्त की है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अघोषित नकदी की बहुत गहन निगरानी की जाती है और पूरी गतिविधि चुनाव आयोग और राज्य चुनाव प्राधिकरण के स्तर पर समन्वित की जाती है।

सूत्रों के मुताबिक, इस साल राजस्थान में अवैध नकदी, शराब, ड्रग्स, सोना, चांदी आदि की कुल जब्ती में तीन गुना वृद्धि हुई है। इस तरह की जब्ती 2021 में 322 करोड़ रुपये और 2022 में 347 करोड़ रुपये थी। यह जब्ती अक्तूबर 2023 तक बढ़कर 1,021 करोड़ रुपये हो गई है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और मिजोरम में नवंबर में चुनाव होने हैं।

जुलाई में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कर अधिकारियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी, ताकि मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त, अवैध नकदी, शराब और ड्रग्स के इस्तेमाल के संबंध में चुनाव आयोग के निर्देशों को लागू किया जा सके और उन्हें अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने के लिए कहा गया था।

एसओपी के मुताबिक, कर अधिकारियों को संभावित मतदाताओं को लुभाने के लिए कूपन आधारित या मुफ्त ईंधन या नकदी के वितरण की निगरानी करने के लिए कहा गया था। जीएसटी और सीमा शुल्क अधिकारियों को वाहनों की सड़क और पारगमन जांच के प्रभावी संचालन के लिए उड़न दस्ते और निगरानी टीमों का गठन करने और अवैध व निषिद्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गोदामों के सत्यापन के लिए भी कहा गया था।