डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन/ 20 साल की सबसे खराब स्थिति में भारत

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नई दिल्ली। भारत डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मामले में 20 साल की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया है। मौजूदा वर्ष में कारपोरेट और इनकम टैक्स कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह पिछले 20 साल में पहला मौका है, जब टैक्स कलेक्शन गिरा है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक टैक्स कलेक्शन में गिरावट की वजह आर्थिक सुस्ती और कारपोरेट टैक्स में कटौती रही है।

पीएम मोदी ने चालू वित्त वर्ष यानी 31 मार्च के अंत तक डायरेक्ट टैक्स कलेशन का लक्ष्य 13.5 ट्रिलियन रुपए यानी 189 बिलियन डॉलर रखा था। यह लक्ष्य पिछले वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17 फीसदी ज्यादा था। मार्केट जानकारों की मानें, तो पिछले कुछ वर्षो से मार्केट में डिमांड में कमी देखी जा रही है।

इसकी वजह से कंपनियां निवेश और नौकरियों में कटौती कर रही हैं। इसकी वजह से टैक्स कलेक्शन में गिरावट दर्ज की जा रही है। सरकार और बाकी वित्तीय संस्थाओं की ओर से भारत की विकास दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है, जो कि पिछले साल 11 साल में सबसे कम है।

पिछले साल से कलेक्शन कम
टैक्स डिपार्टमेंट की ने जनवरी तक 7.3 ट्रिलियन रुपए टैक्स के तौर पर कलेक्ट किए हैं, जो पिछले साल इसी दौरान कलेक्ट किए गए अमाउंट काफी कम है। एडवांस्ड टैक्स के तौर पर चालू वित्त वर्ष के पहली तीन तिमाही में सालाना डायरेक्ट टैक्स का 30 से 35 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष 2019 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस साल 10 फीसदी कम रहने का अनुमान जाहिर किया जा रहा है।

80 फीसदी हिस्सा डायरेक्ट टैक्स से
सरकार को सालाना मिलने वाले रेवेन्यू का 80 फीसदी हिस्सा डायरेक्ट टैक्स से आता है। टैक्स अधिकारियों की मानें, तो सरकार की तरफ से पिछले साल कंपनियों को टैक्स छूट का लान देना एक चकित करने वाला निर्णय था।