ट्रंप ने Hydroxychloroquine टैबलेट के लिए लगाई मोदी से गुहार?

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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों की सुपर पावर देशों ने भी इस वायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं। खुद अमेरिका की नजरें अब मदद की आस में भारत पर टिकी हैं। शनिवार शाम को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर कोरोना से लड़ने के लिए सहयोग की मांग की है।

अमेरिका में स्थिति इतनी भयावह है कि वहां अभी तक 3,11,357 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 8,452 लोगों की जान भी जा चुकी है। अमेरिका कोरोना वायरस के कारण हो रही मौत के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयार्क में तो अस्पतालों से लाशों को रात में निकाला जा रहा है, जिससे लोगों के बीच डर न फैले।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) बेहद कारगर दवा है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं, इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर इसका उत्पादन करती हैं। अब यह दवा कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर सिद्ध हो रही है, तब इसकी मांग और बढ़ गई है। हालांकि, कच्चे माल की कमी ने इस दवा के उत्पादन को बहुत प्रभावित किया है। वैश्विक लॉकडाउन के कारण भारतीय दवा निर्माता कंपनियों ने सरकार से इस दवा के लिए कच्चे माल को एयरलिफ्ट कर मंगाने की मांग की है।

ब्राजील के राष्ट्रपति ने दवा उत्पादन में सहयोग का दिया भरोसा
पीएम मोदी ने शनिवार शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो से बातचीत की। इस दौरान ब्राजीली राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा के उत्पाद के लिए जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आएगी। बता दें कि इस दवा के उत्पादन के लिए भारत चीन के बाद ब्राजील से सबसे ज्यादा कच्चा माल खरीदता है।

पीएम मोदी के साथ बातचीत के बाद यह बोले ट्रंप
कोरोना वायरस टास्क फोर्स से जुड़ी प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप ने मोदी के साथ हुई बातचीत साझा करते हुए कहा, ‘आज मैंने पीएम मोदी के साथ फोन पर हुई बातचीत में रोके गए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की खेप को जारी करने का आग्रह किया।’ पीएम मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट भेजने के आग्रह की जानकारी देते हुए ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि वह भी इस टैबलेट का सेवन करेंगे।

उन्होंने कहा, मैं भी इसे ले सकता हूं, इसके लिए मुझे अपने डॉक्टर्स से बात करनी होगी।’ ट्रंप ने आगे कहा, ‘भारत भारी मात्रा में इस दवा का प्रॉडक्शन करता है। उन्हें अपने लोगों के लिए भी इसकी जरूरत पड़ेगी। वहां की जनसंख्या 1 अरब से ज्यादा है। मैंने उनसे कहा है कि अगर वो हमारे ऑर्डर को भेज दें तो मैं आभारी रहूंगा।’ उधर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच भी बातचीत की खबर है। दोनों के बीच बातचीत में कोरोना वायरस से लड़ने पर चर्चा हुई।

कोरोना से लड़ने के भारत के तरीकों की दुनिया कर रही तारीफ
बता दें कि कोरोना वायरस से लड़ने के भारत के तरीकों की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) सहित दुनिया के कई देश कर चुके हैं। भारत ने संक्रमण को रोकने के लिए एक तरफ जहां 21 दिनों के लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस किया हुआ है वहीं 25 मार्च को घरेलू बाजार में दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था।