खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.44% पर पहुंची

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नई दिल्ली। Retail Inflation: जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति अपने 15 महीने के उच्चतम स्तर पर आ चुकी है। वहीं जून में खुदरा मुद्रास्फीति 4.55 फीसदी थी जो जुलाई में बढ़ गया। इस से पहले अप्रैल में भी खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ी थी। आपको बता दें कि जुलाई में थोक महंगाई दर नकारात्मक दायरे में ही रही। 

जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 प्रतिशत हो गई, जो जून में 4.55 प्रतिशत थी। सोमवार को सरकार की ओर से इसके आंकड़े जारी किए गए। जुलाई में खुदरा महंगाई दर आरबीआई की ओर से तय महंगाई के बैंड दो से छह प्रतिशत के दायरे से बाहर निकल गई है। सब्जियों खासकर टमाटर समेत खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण जुलाई 2023 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 फीसदी के पार पहुंच गई है।

सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जुलाई महीने में खुदरा महंगाई की रीडिंग मई 2022 के बाद सबसे ज्यादा है। उस वक्त खुदर महंगाई दर 7.79% दर्ज की गई थी।

जुलाई 2023 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) 11.51% पर पहुंच गया जून में यह 4.49% पर था। ग्रामीण मुद्रास्फीति 7.63 प्रतिशत रही जबकि शहरी मुद्रास्फीति 7.20 प्रतिशत रही।

अनियंत्रित हुई महंगाई
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति लगातार चार महीनों तक रिजर्व बैंक (आरबीआई) के टॉलरेंस बैंड 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में बने रहने के बाद जुलाई में ऊपरी सीमा को पार कर गई। पिछले एक महीने में सब्जियों, विशेष रूप से टमाटर की कीमतों में उम्मीद से अधिक वृद्धि खुदरा महंगाई दर में वृद्धि का कारण बना। सब्जियों की महंगाई दर में लगातार तेजी दिखी और यह सालाना आधार पर 37.34 प्रतिशत पर पहुंच गया। सालाना आधार पर इसमें 0.93 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। खाद्य व पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति जून में 4.63 प्रतिशत से बढ़कर 10.57 प्रतिशत हो गई। मोटे अनाजों की मुद्रास्फीति जून के 12.71 प्रतिशत से बढ़कर 13.04 प्रतिशत हो गई।