क्षेत्रीय भाषा में तकनीकी शिक्षा छात्रों के लर्निंग आउटकम को बढ़ाएगी: बिरला

0
182

बेलगावी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कर्नाटक के बेलगावी में विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि छात्रों को जिन सामाजिक और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी गई है,उन्हें उन्हीं के अनुसार अपना जीवन जीना चाहिए। बिरला ने कहा कि हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मस्तिष्क शक्तिशाली बने, बुद्धि का विस्तार हो और जिसे प्राप्त करके व्यक्ति आत्मनिर्भर बने।

बिरला ने जोर देकर कहा कि ‘एम्बिशन, इनोवेशन और डेडीकेशन’ के मंत्र पर युवा राष्ट्र् को आगे ले जाएं। भारत की नई शिक्षा नीति-2020 का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार AICTE ने पिछले वर्ष ही क्षेत्रीय भाषाओं में भी इंजीनियरिंग कोर्सेज को अनुमति दी है और यह एक पॉजिटिव अप्रोच है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि क्षेत्रीय भाषा में तकनीकी शिक्षा विद्यार्थियों के लर्निंग आउटकम को बढ़ाएगी और उनकी थिंकिंग और नॉलेज को एप्लाई करने की केपेसिटी डेवलप करेगी।

कोविड के दौरान प्राप्त अनुभवों को उद्धृत करते हुए श्री बिरला ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत ने जिस अभूतपूर्व गति से डिजिटल एजुकेशन के आयाम विकसित किए हैं वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल उपकरणों ने जहाँ शिक्षा को अधिक संवाद योग्य और विविध बनाया है वहीं डिजिटल डिवाइड की चुनौती भी हमारे सामने आई है। उन्होंने स्टूडेंट्स से आग्रह किया कि वे टेक्नोलॉजी और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर इस चुनौती से पार पाने और नई संभावनाओं की खोज में आगे बढ़ें।

बिरला ने कहा कि आज देश के 6 लाख से ज़्यादा गाँव ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े हैं और देश के गाँवों में हाईस्पीड मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। यह जिक्र करते हुए कि भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है और 80 से ज़्यादा यूनिकॉर्न आज देश में स्थापित हैं, श्री बिरला ने कहा कि आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम आज हमारे देश में है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मिशन लोगो कि आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं। लोक सभा अध्यक्ष ने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि वो आगे बढ़े और इन सब योजनाओं का लाभ उठायें।

आज़ादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में जो हमने प्राप्त किया, हम इसका आकलन कर रहे हैं और अपनी उपलब्धियों का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वो समय है जब हमें नए संकल्प लेने होंगे कि अपने प्रयासों से हम अगले 25 वर्षों में भारत को किस ऊँचाई पर लेकर जा सकते हैं।