कोरोना संकट में GST रिफंड के लिए CBIC ने शुरू किया स्पेशल ड्राइव

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नई दिल्ली। देश में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए कई इलाके में वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे कदम उठाये गए हैं। कई राज्यों में पिछले तीन हफ्ते से लॉकडाउन चल रहा है। इस वजह से कारोबार में काफी बाधा आ रही है और कारोबारियों को टैक्स चुकाने और रिफंड लेने में भी दिक्कत आ रही है। इन सब समस्याओं को देखते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड या सीबीआईसी (CBIC) ने रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाने की शुरुआत कर दी है।

सीबीआईसी ने कहा है कि कोरोनावायरस से लड़ाई के मौजूदा दौर में कारोबारियों को राहत देने के लिए उसने कई कदम उठाए हैं। इसमें लेट फीस और ब्याज माफ करने जैसे कदम शामिल हैं। इसके साथ ही केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कई रिटर्न/स्टेटमेंट फाइल करने की आखिरी तारीख भी बढ़ा दी है। इसके साथ ही इस अवधि में कारोबारियों और कंपनियों के लिए DSC की जगह जीएसटीआर 3B और gstr-1 फाइल करने की सुविधा दी गई है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने कहा है कि देश के कई राज्यों, जिलों या नगर निगम में कोरोना संक्रमण के सेकंड वेव की वजह से सख्ती बरती जा रही है और इसकी वजह से उद्योग, कारोबार या व्यापार पर काफी असर पड़ा है। कई करदाताओं को इस वजह से नकदी के संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर एमएसएमई सेक्टर में ऐसा ज्यादा देखा जा रहा है। इस वजह से सीबीआईसी ने सभी पेंडिंग रिफंड क्लेम को जल्द क्लियर करने का फैसला किया है। इसमें 8 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के सभी जीएसटी रिफंड रिफंड क्लेम प्रोसेस किए जा रहे हैं।

कोरोना संकट में कारोबार की मदद
सीबीआईसी (CBIC) ने इस बारे में जारी एक नोटिफिकेशन में कहा, “15 मई से 31 मई 2021 तक सभी पेंडिंग जीएसटी रिफंड क्लेम को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए एक स्पेशल ड्राइव (Special GST Refund Disposal Drive) शुरू किया जा रहा है। यह देश में सभी सेंट्रल टैक्स संस्थाओं द्वारा चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य कोरोना संकट के इस दौर में कारोबार को राहत प्रदान करना है।”

प्राथमिकता के आधार पर क्लियर होंगे रिफंड के दावे
इसके साथ ही सीबीआइसी ने कहा है कि सीजीएसटी जोन के सभी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर खुद इस मामले में रोजाना की निगरानी करेंगे और अधिक से अधिक जीएसटी रिफंड के पेंडिंग मामलों को क्लियर कराने की कोशिश करेंगे। स्पेशल ड्राइव के जरिए देश में कारोबार और उद्योग संगठनों की मांग पर कार्रवाई करने की कोशिश की जा रही है। सीबीआईसी ने कहा है कि जीएसटी के पेंडिंग रिफंड के दावे को एक निश्चित समय सीमा के अंदर प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाना चाहिए। इससे करदाताओं को तुरंत राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी।