कोटा में होते हैं देश दुनिया की दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण

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कर्मयोगी सेवा संस्थान 24 वर्षों से कर रहा है श्राद्ध श्रद्धांजलि का आयोजन

कोटा। Atmshanti ahuti Mahayagya: कर्मयोगी सेवा संस्थान एवं लक्ष्मी ब्राह्मण सेवा संस्थान के संयुक्त संयोजन में 16 दिवसीय श्राद्ध श्रद्धांजलि एवं आत्म शांति आहुति महायज्ञ महोत्सव का शुभारंभ 29 सितंबर शुक्रवार पूर्णिमा के श्राद्ध के साथ किया जाएगा। जो 14 अक्टूबर शनिवार अमावस्या तक चलेगा।

संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि क्रियाकांडी पंडित लोकेश शुक्ला की अध्यक्षता एवं आचार्य प्रिंस शुक्ला के द्वारा किशोरपुरा मुक्तिधाम घाट पर प्रातः 11:30 से 12:30 बजे तक विधि विधान के साथ पूर्णिमा का श्राद्ध अंतर्राष्ट्रीय मानव कल्याणकारी दिवंगत दिव्य आत्माओं की शांति के लिए जाएगा। साथ ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम देश एवं कोटा के समग्र विकास एवं जनहित में कार्य करने वाली दिवंगत आत्माओं को समर्पित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 30 सितंबर शनिवार को एकम का श्राद्ध देश की सीमाओं पर नागरिकों की रक्षार्थ अब तक शहीद हुए सभी दिवंगत सैनिकों की आत्मा शांति हेतु समर्पित किए जाएंगे। वहीं 1 अक्टूबर को द्वितीया का श्राद्ध समस्त जलचर, थलचर और नभचर जीव जंतुओं पशु पक्षियों कीट पतंगो की आत्मा शांति के लिए समर्पित किया जाएगा। 2 अक्टूबर सोमवार को तृतीया का श्राद्ध तर्पण कानून की रक्षार्थ अब तक शहीद हुए पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों की आत्मशांति के लिए समर्पित किया जाएगा।

3 अक्टूबर को चतुर्थी का श्राद्ध तर्पण न्याय की रक्षार्थ जीवन समर्पित करने वाले सभी दिवंगत विधि वेताओं की आत्म शांति के लिए, 4 अक्टूबर को पंचमी का श्राद्ध प्राकृतिक त्रासदी एवं मानवीय भूलों से हुई अकाल मृत्यु के दिवंगतों, 5 अक्टूबर को छठवीं का श्राद्ध स्वतंत्रता संग्राम जलियांवाला बाग एवं अब तक दिवंगत हुए सभी स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मशांति के लिए समर्पित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को सप्तमी का श्राद्ध अजन्मी कन्या एवं भ्रूण हत्या की त्रासदी के शिकार दिवंगत आत्माओं, 7 अक्टूबर को अष्टमी का श्राद्ध विश्व में आतंकवाद सांप्रदायिक उन्माद व्यक्तिगत वाद एवं साम्राज्यवादी षड्यंत्र के साथ ही दुर्घटनाओं के कारण हुए दिवंगतों,
8 अक्टूबर को नवमी का श्राद्ध विश्व विख्यात व्यक्तित्व की हत्या एवं आत्महत्या दुर्घटनाओं के कारण दिवंगत को, 9 अक्टूबर को दशमी का श्राद्ध विश्व के दिवंगत खिलाड़ियों, चित्रकारों, कलाकारों, संगीतकारों को समर्पित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 10 अक्टूबर को एकादशी का श्राद्ध विश्व विख्यात प्रेरणा प्रदत्त दिवंगत महिलाओं की आत्मशांति के साथ ही विशेष रूप से जौहर की ज्वाला में सतीत्व की रक्षा के लिए अपन प्राणों का बलिदान देने वाली वीरांगनाओं को समर्पित किया जाएगा। वहीं 11 अक्टूबर को द्वादशी का श्राद्ध दिवंगत साधु संन्यासियों को,12 अक्टूबर को तेरस का श्राद्ध लावारिस एवं भुखमरी के कारण दिवंगत होने वालों को, 13 अक्टूबर को चौदस का श्राद्ध कोरोना महामारी के कारण दिवंगत हुए देश दुनिया के समस्त नागरिकों की आत्मशांति के लिए किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को अमावस्या का श्राद्ध आर्थिक अभाव में अपने दिवंगत परिजनों का श्राद्ध नहीं कर पाने वालों के दिवंगत परिजनों की आत्माओं की शांति के लिए किया जाएगा। इस दिन शाम 6 बजे दीपदान के साथ 16 दिवसीय श्राद्ध श्रद्धांजलि महोत्सव का समापन कर दिया जाएगा।

संस्थापक राजाराम जैन कर्म योगी ने बताया देश दुनिया की समस्त दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण करने वाली कर्मयोगी सेवा संस्थान एकमात्र संस्थान है। जो विगत 24 वर्षों से श्राद्ध तर्पण का कार्य करते आ रहे हैं। इसके साथ ही शहर का कोई भी नागरिक अपने दिवंगत परिजनों के श्राद्ध तर्पण करना चाहे तो संस्थान द्वारा उनके लिए सामग्री एवं पंडित की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। वह किशोरपुरा मुक्तिधाम घाट पर प्रातः 11 बजे घर से ही स्नान करके पहुंचे।