उपलब्धता घटने से देशी चने में बड़ी तेजी के आसार

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-मुकेश भाटिया
कोटा।
देश की लगभग सभी चना उत्पादक मंडियों में नये देशी चने की आवक घटकर आधे से भी कम रह जाने तथा वायदा में भी मई माह की ज्यादा डिलीवरी नहीं होने से बड़ी कम्पनियों को अब माल मिलना मुश्किल पड़ रहा है जिससे क़ीमतों में धीरे-धीरे तेजी का ग्राफ़ बढ़ने लगा है।

हालाँकि एक अच्छी तेजी के बाद कुछ करैक्शन भी देखने मिल सकता है। लेकिन उसमें घबराहट का व्यापार कतई नही करें, क्योंकि बाज़ार के चालू माह में ही धीरे धीरे 5000 रुपए के स्तर को छूने की संभावना बनने लगी है। देशी चना विगत एक माह से भी अधिक समय से एक दायरे में ही व्यापार करता रहा है और लगभग कारोबार 4300/4400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास होता रहा है।

वर्तमान में राजस्थान व मध्य प्रदेश की लगभग सभी मंडियों में देशी चने की आवक घटकर आधे से भी कम रह जाने से अब बिकवाल पीछे हटने लगे हैं। जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर, कटनी व ग्वालियर लाइन का माल दाल मिलें लगातार खरीदने लगी हैं जिससे दिल्ली के लारेंस रोड, नरेला,रुई की मंडी व कुंडली आदि में देशी चने की आवक बीते कुछ दिनों से भी काफी घट गयी है।

विगत् दो वर्षों से दाल मिलों व कारोबारियों को स्टॉक में बड़ा नुकसान लगने से यह सभी हैंड-टू-माऊथ काम कर रहें है। दूसरी ओर वर्तमान में आयात सौदे नहीं के बराबर हो रहे हैं। नये सीजन का चना बिजाई क्षेत्र व उत्पादकता दोनों ही दृष्टि से कम रहा है। हाल ही में जारी किए गए नवीनतम सर्वे में देशी चने का उत्पादन 70/72 लाख टन से अधिक नहीं बैठेने की जानकारी दी गयी है ।

सरकारी व गैर-सरकारी गोदामों में आयातित चने का स्टॉक बीते वर्ष के 35/36 लाख टन के मुकाबले मुश्किल से 5 लाख टन विदेशी व क़रीब 11 लाख टन देशी माल। का ही स्टॉक शेष बचा है, जबकि देश मे चने की कुल वार्षिक खपत 100/105 लाख टन के बीच में है।
इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए देशी चने की क़ीमतों में इस बार अच्छी तेजी लग रही है।

पिछले एक माह से भी अधिक समय से देशी चना का कारोबार 4300/4400 रुपए क्विंटल के बीच स्थिर रहने के बाद पिछले दो दिनों में ही 4540/4550 रुपए लारेंस रोड पर खडी मोटर में बिक गया तथा इसी लाइन 50/75 रुपए की हल्की करैक्शन के बाद 4900/5000 रुपए बनने की पूरी संभावना दिख रही है।