उत्पादन में कमी से धनिया में हल्के झटकों के साथ बड़ी तेजी संभव

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मुकेश भाटिया, कमोडिटी एक्सपर्ट
कोटा। प्रतिकूल मौसम व बिजाई के शुरुआती दौर में मिट्टी में नमी की कमी के साथ-साथ लगातार कमज़ोर क़ीमतों के चलते किसानों का रुझान इस जिंस की बिजाई की प्रति लगातार घटता चला गया। यही वजह है कि उत्पादन में बड़ी गिरावट की आशंका बन गयी है।

जानकार मानते है कि नवम्बर-दिसम्बर माह के दौरान मौसम बिगड़ने से उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले 18/20 लाख बोरी तक की गिरावट आने की आशंका दिखाई देने लगी है। हालांकि औसतन पुराना स्टॉक इस बार ठीक रहने की उम्मीद है, लेकिन मज़बूत वौश्विक क़ीमतों को देखते हुए इस स्तर से धनिये का आगे का व्यापार अब लाभकारी दिखाई दे रहा हैं।

मध्य प्रदेश व राजस्थान के साथ-साथ सीमावर्ती गुजरात राज्य में मुख्य रूप से बोई जानेवाली इस जिंस को इस बार अक्टूबर-नवम्बर माह के बिजाई के समय में इन राज्यों की मिट्टी में नमी की कमी व भाव नीचे होने से बिजाई में 28/30 फ़ीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।

फिर बाद में अपेक्षित बरसात भी समय पर नहीं हुई, जिससे फसल की ग्रोथ कमज़ोर पड़ गयी, तथा सभी क्षेत्रों से उत्पादकता घटने की खबर मिलने लगी। इसके चलते सीजन के बावजूद मंडियों में नये माल का प्रैशर नहीं बन पा रहा है।

जानकार मानते है कि धनिये का व्यापार काफी लंबे समय से सुचारू से नहीं चल पा रहा है, यही कारण है कि इस बार कैरी ओवर स्टॉक कुछ जानकार ज्यादा बचने की संभावना व्यक्त कर रहे है। नई फसल सभी क्षेत्रों रामगंजमंडी , कोटा, झालावाड़, भवानीमंडी के साथ साथ सीमावर्ती राज्य गुजरात की मंडियों में भी कमज़ोर रहने की खबर है।

मंदे की बिल्कुल गुंजाइश नहीं
मध्य प्रदेश के मंदसौर, कुम्भराज, नीमच लाइन में भी नये माल की आवक नहीं बढ़ पा रही है, जिससे मंडियों में बिल्टी में बादामी माल का व्यापार घटकर 56/58 रुपए प्रति किलो पर रुक गया है। इन भाव पर लिवाली निकलने से अब मंदे की बिल्कुल गुंजाइश नहीं लग रही है।

दूसरी ओर नये माल की आवक से मंडी में पुराने बादामी माल में अभी जल्दी में ही 3/4 रुपए घटकर 67/68 रुपए प्रति किलो के स्तर पर आकर बाज़ार ठहर गये हैं। वर्तमान फसल के औसतन 32/35 फ़ीसदी तक कम आने की चर्चा के बीच ज्यादातर पड़ौसी मुल्कों के धनिया उत्पादन में भी कमी आने की खबरें मिल रही है।

पुराने माल का स्टॉक निम्न स्तर पर
हालांकि इन देशों में पुराने माल का स्टॉक इस बार बहुत निम्न स्तर पर रहने की भी जानकारी मिल रही हैं। इसके अलावा खाड़ी के देशों के साथ-साथ यूएसए की फसल में भी पोल की खबरें आ रही हैं। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए धनिया की वर्तमान क़ीमतें लगभग बॉटम लेवल के नज़दीक ही दिखाई दे रहीं है और आगे इसके व्यापार में अब कोई जोख़िम नज़र नही आ रहा है।

अगस्त तक 18 रुपए किलो की तेजी संभव
जानकार मानते हैं कि बाजारों में रुपए की तंगी होने से स्टाकिस्टों की सक्रियता अभी भरपूर रूप में नहीं दिखाई दे रही हैं तथा उपभोक्ता व वितरक मंडियों के कारोबारी बिक्री के हिसाब से ही धनिया खरीद रहे हैं। इसकी वजह से तेजी आने में थोड़ा विलम्ब जरूर हो सकता है, लेकिन आगे चलकर जुलाई-अगस्त तक 15/18 रुपए किलो की तेजी देखने मिल सकती है।

अभी हाल ही में आयोजित एक सेमिनार में धनिया उत्पादन 61.82 लाख बोरी के करीब रहने अनुमान जारी किया गया है। गौरतलब रहें कि गत वर्ष देश में 80/81 लाख बोरी धनिया का उत्पादन हुआ था।