ई-नाम पोर्टल से मिलेगी किसानों को फसल की ज्यादा कीमत : वित्त मंत्री

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्यों से अनुरोध कर रही है कि वे कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) को खारिज कर दें और इलेक्ट्रोनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) को अपनाएं। इससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर दाम मिलेगा। ई-नाम एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है। यह मौजूदा एपीएमसी मंडियों को आपस में जोड़कर कृषि कमोडिटी का एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाता है।

सीतारमण ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार ई-नाम का बढ़चढ़कर प्रचार कर रही है। इसके साथ ही राज्यों को एपीएमसी को खारिज करने के लिए भी मनाया जा रहा है। कभी इसकी जरूरत हुआ करती थी और जिसे इसने पूरा किया है। लेकिन अब इसके साथ कई तरह की समस्याएं जुड़ गई हैं। यह किसानों को फसल की अच्छी कीमत नहीं दिला पा रही है। हम राज्यों से बात कर रहे हैं कि वे एपीएमसी को भंग कर दें और ई-नाम की तरफ बढ़ें।

आठ राज्यों की 21 ई-नाम मंडियां हैं
अब तक ई-नाम पर अंतरराज्यीय व्यापार शुरू करने के लिए आठ राज्यों की 21 ई-नाम मंडियों ने हाथ मिलाया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल हैं। थोड़े ही समय में इस प्लेटफॉर्म पर 14 कमोडिटी का व्यापार हुआ है। इनमें सब्जियां, दालें, अनाज, तिलहन, मसाले, आदि शामिल हैं।

अंतरराज्यीय व्यापार से किसानों को बड़ा बाजार और अधिक खरीदार मिलते हैं। इससे उन्हें अपने उत्पादों की ज्यादा कीमत मिल जाती है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने बजट में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन की घोषणा की थी। इससे किसानों को संस्थागत कर्ज मिलने में आसानी होगी।