जानिए, स्त्री में प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव के बारे में

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कोटा। प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे आपका वजन बढ़ता जाता है, उसका असर आपके शरीर के हर बॉडी पार्ट पर दिखने लगता है। शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इनसे घबरायें नहीं। इसकी वजह ये है कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में फ्लूइड की मात्रा बढ़ती है और यूट्रस पर प्रेशर पड़ता है तो करीब 90 फीसदी महिलाओं के पैर, एड़ी और टखने में सूजन हो जाती है और यह एक सामान्य बात है।

इस दौरान सिर्फ पैर में ही नहीं बल्कि शरीर के कई दूसरे बॉडी पार्ट्स भी हैं जहां थोड़ी बहुत सूजन दिखने लगती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजू गुप्ता से जानिए प्रेग्नेंसी में होने वाले बदलाव के बारे में …

होंठ और नाक
शायद आपको पता न हो लेकिन गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं के होंठ और नाक में भी सूजन आ जाती है। नाक में सूजन या कंजेशन फील होने लगता है क्योंकि साइनस डाइलेट में मौजूद छोटी-छोटी नसों में खून और फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे कई बार नाक से खून भी आ सकता है। लेकिन इस तरह के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज करने की बजाए अपनी गाइनैकॉलजिस्ट को इस बारे में जरूर बताएं।

मसूड़ों में सूजन
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में वॉटर रिटेंशन और खून की मात्रा बढ़ने का असर आपके दांतों और मसूड़ों पर भी दिखने लगता है। ऐसे में अगर आपको पहले से मसूड़ों से जुड़ी कोई बीमारी है तो प्रेग्नेंसी के दौरान यह बीमारी आपको ज्यादा तकलीफ दे सकती है। लिहाजा प्रेग्नेंसी के दौरान कम से कम एक बार डेंटिस्ट से अपना चेकअप जरूर करवाएं।

आंखों में सूजन
अगर आपकी आंखें puffy यानी मोटी या फूली हुई या सूजी हुई लग रही हैं खासकर आंखों के नीचे वाली स्किन पर जहां डार्क सर्कल्स होते हैं तो जरूरी नहीं कि इसकी वजह नींद की कमी हो। प्रेग्नेंसी के दौरान सिर्फ आंखें ही नहीं बल्कि आपका करीब-करीब पूरा चेहरा ही सूज जाता है। इसकी वजह भी वॉटर रिटेंशन ही है और डिलिवरी के बाद सारी चीजें नॉर्मल हो जाती हैं।

ब्रेस्ट और निपल
चूंकि महिला का ब्रेस्ट और निपल, लैक्टेशन यानी ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार हो रहा होता है लिहाजा गर्भावस्था की दूसरी तिमाही शुरू होने के साथ ही ब्रेस्ट के साइज में भी अंतर दिखने लगता है। इसकी वजह से शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव। इस दौरान सिर्फ ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि निपल्स का साइज भी काफी बड़ा हो जाता है।

उंगलियों में सूजन
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही आते-आते शरीर में फ्लूइड रिटेंशन की वजह से हाथ, कलाई और उंगलियों में भी सूजन दिखने लगती है। इस दौरान आपको हाथ और उंगलियों में दर्द, सनसनाहट और हाथों के सो जाने जैसे लक्षण भी साफ दिखने लगते हैं।