ईसबगोल के भाव में फ़िलहाल तेजी की संभावना भी नहीं, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को ईसबगोल के आकर्षक भाव मिलने के कारण इस वर्ष किसानों ने ईसबगोल की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की है। जिस कारण से ईसबगोल की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। वर्तमान हालात को देखते हुए अभी तेजी की संभावना भी नहीं है।

बिजाई: ईसबगोल का मुख्यत उत्पादन गुजरात, राजस्थान में होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात में 26 दिसम्बर तक ईसबगोल की बिजाई 24837 हेक्टेयर पर की गई है। जबकि गत वर्ष बिजाई 12139 हेक्टेयर पर हुई थी। राजस्थान के नोखा, मेड़ता, बाजार के व्यापारियों से हुई बातचीत के अनुसार राजस्थान में ईसबगोल की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 25/30 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर हुई है।

उत्पादन: अभी तक के बिजाई के आंकड़ों को देखते हुए दूसरे वर्ष भी देश में ईसबगोल का उत्पादन बढ़ने के अनुमान लगाये जा रहे है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के दौरान राजस्थान में ईसबगोल का उत्पादन 17/18 लाख बोरी एवं गुजरात में 8/9 लाख बोरी का रहा था वर्ष 2023 में राजस्थान में उत्पादन बढ़कर 20/21 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 70 किलो) एवं गुजरात में 13/14 लाख बोरी का हो गया है। अधिक बिजाई के कारण वर्ष 2024 में भी देश में ईसबगोल का उत्पादन बढ़ेगा बशर्ते आगामी दिनों में मौसम फसल के अनुकूल रहे। ईसबगोल की नई फसल मार्च माह में शुरू होगी।

भाव: वर्तमान में ईसबगोल के भाव मंदे बोले जा रहे हैं। क्योंकि अधिक बिजाई के कारण स्टाकिस्टों की बिकवाली बढ़ गई है जबकि लोकल एवं निर्यातक मांग कमजोर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि निर्यातकों की अच्छी मांग के कारण जुलाई 2023 में ऊंझा मंडी में ईसबगोल का भाव 255/260 रुपए एवं राजस्थान की नागौर, मेड़ता मंडी में 265/270 रुपए का बन गया था। जबकि वर्तमान में ऊंझा मंडी में घटकर 200 रुपए एवं नागौर, मेड़ता में 165/175 रुपए पर आ गया है।