आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा केशवराय मंदिर, वाराणसी की तरह होगा घाटों का निर्माण

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लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने की मंदिर परिक्षेत्र के पुनर्विकास कार्यों की समीक्षा

कोटा। केशवरायपाटन में भगवान केशवराय जी मंदिर परिक्षेत्र में चम्बल के घाटों का निर्माण वाराणसी की तर्ज पर किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत मंदिर परिक्षेत्र को भारतीय संस्कृति के अनुरूप भव्य स्वरूप दिया जाएगा, जिससे आने वाले समय में यह मंदिर भारत के प्रमुख धार्मिक-आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को मंदिर परिक्षेत्र के पुनर्विकास कार्यों को लेकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। स्पीकर बिरला के प्रयासों से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भगवान केशवराय मंदिर को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल किया है।

परियोजना के पहले चरण में करीब 70 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तथा कार्यों की रूपरेखा को लेकर स्पीकर बिरला ने केशवरायपाटन विधायसक चंद्रकांता मेघवाल के साथ कम्पनी के अधिकारियों तथा क्षेत्रीय लोगों के साथ चर्चा की ।

स्पीकर बिरला ने अधिकारियों से कहा कि घाटों का वाराणसी की तर्ज पर भव्य स्वरूप दिया जाए। घाट पर जो समाधियां हैं उनसे छेड़छाड़ किए बिना ही इस कार्य को किया जाए। घाटों को भी दोनों ओर विस्तार दिया जाए ताकि यहां आने वाले लोगों को चम्बल नदी किनारे टहलने के लिए पर्याप्त स्थान मिले।

लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर परिक्षेत्र में जो भी स्थान खाली है, उसको लेकर भी कार्य योजना तैयार की जाए। वहां यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाएं तैयार की जाएं। वहां अल्पाहार के लिए कैफेटेरिया या रेस्टोरेंट प्रारंभ करने की भी संभावना तलाश की जाए।

स्पीकर बिरला ने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। मानसून के दिनों में चम्बल का जलस्तर बढ़ने पर घाटों पर भी पानी आ जाता है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि पानी से निर्माण कार्य को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो। चम्बल नदी के किनारे बनी रिटेनिंग वॉल को भी मजबूत किया जाए।

श्रद्धालुओं के लिए बनेगा फेसिलिटी सेंटर
मंदिर परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए फेसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें यात्रियों के लिए सूचना केंद्र, विश्राम क्षेत्र, लॉकर रूम, सुविधाएं बनाई जाएंगी। यहां सूचना और पूछताछ केंद्र के साथ फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, किड्स प्लेइंग एरिया, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

लाइटिंग देखने कोटा की ओर आएं लोग
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मंदिर परिक्षेत्र में परकोटे की दीवारों पर आकर्षक फसाड लाइट्स लगाई जाएं। इसकी परिकल्पना इस प्रकार करें कि यह मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तो आकर्षित करे ही रात के समय लाइटिंग को देखने के लिए कोटा की ओर भी लोग आएं।

आवागमन सुगम बनाने पर विशेष फोकस
प्रोजेक्ट के तहत मंदिर तक पहुंचने के मार्ग की दशा को सुधारने पर विशेष फोकस रहेगा। कोटा की ओर से भी श्रद्धालू चंबल नदी को पार कर मंदिर तक पहुंच सकें, इसके लिए नदी के दोनों ओर जेटी बनाई जाएगी। इन जेटी से एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए नावों का संचालन किया जाएगा।