अमरनाथ यात्रा के लिए कल से इन बैंक शाखाओं पर होगा रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली। इस साल 1 जुलाई से 15 अगस्त के बीच हाेने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू होने जा रहे हैं। श्रद्धालु 1 अप्रैल से इस यात्रा के लिए कई बैंकों की शाखाओं पर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में Punjab National Bank, Jammu-Kashmir Bank और Yes Bank की 440 बैंक शाखाओं में 1 अप्रैल 2019 से यह सुविधा शुरू हाे जाएगी। इस वर्ष 46 दिन की यात्रा हो रही है।

अपनी बैंक शाखा का नाम देखने के लिए यहां क्लिक करें
अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप अपने राज्य की बैंक शाखा का नाम देख सकते हैं। इसके लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं- http://www.amarnathyatra.co.in/list-of-bank-for-registration.php

हेल्थ सर्टिफिकेट जरूरी
पंजीकरण के लिए मान्यता प्राप्त चिकित्सा केंद्रों में डॉक्टरों से कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट (सीएचसी) लेना अनिवार्य होगा। मान्यता प्राप्त डॉक्टरों द्वारा जारी हेल्थ सर्टिफिकेट ही मान्य होंगे। यात्रा अवधि के दौरान रोजाना पारंपरिक पहलगाम-चंदनबाड़ी और बालटाल ट्रैक से 7500-7500 यात्रियों के अलावा पंजतरणी हेलीकाप्टर सेवा से अलग से श्रद्धालुओं को यात्रा की इजाजत होगी। यात्रा के लिए 13 वर्ष से कम और 75 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्री को इजाजत नहीं दी जाएगी। यात्रा के सभी एंट्री प्वाइंट पर कड़ाई से जांच की जाएगी।

ऑनलाइन पंजीकरण के देरी से शुरू होने की आशंका
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए आप ऑनलाइन पंजीकरण भी करा सकते हैं। हालांकि यह सुविधा सामान्य यात्री पंजीकरण से कुछ देरी से शुरू हो सकती है। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा गया है, जिस पर मुहर लगने के बाद इसे बोर्ड की वेबसाइट पर डाला जाएगा। ऑनलाइन पंजीकरण में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जरूरी जानकारी के साथ कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। थी।

पिछले साल 2.85 श्रद्धालुओं ने किए थे दर्शन
यात्रा के दौरान बालटाल/दोमेल और नुनवान/पहलगाम/चंदनबाड़ी बेस कैंप पर असली कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। यह सेवा पायलट स्तर पर शुरू करने की तैयारी है। वर्ष 2011 में 6.36 लाख ऑलटाइम रिकार्ड यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। इसके अगले साल 2012 में भी यह आंकड़ा 6.20 लाख तक पहुंचा। मगर उसके बाद आंकड़ा चार लाख तक नहीं पहुंच पाया है। दरअसल औपचारिकता बढ़ने से लोगों का रुझान कम हुआ है। वर्ष 2018 में 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी दी।