GST : 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दरों का निर्धारण

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 7 पर्सेंट आइटम्स पर नहीं लगेगा कोई टैक्स,  अनाज और दूध जीएसटी से बाहर

श्रीनगर। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल ने गुरुवार को शुरू अपनी दो दिन की बैठक के पहले दिन 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है। प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में चार स्तर की दरें रखी गई हैं, जिनमें रोजमर्रा के इस्तेमाल की आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत की न्यूनतम दर रखी गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली काउंसिल ने बैठक के पहले सत्र में जीएसटी के तहत नियमों को भी मंजूरी दी। जीएसटी एक जुलाई से लागू किए जाने की योजना है। जीएसटी से जुड़े 9 में से 7 नियमों को मंजूरी दे दी गई है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक बाकी 2 नियमों को लीगल कमेटी देख रही है। सर्विस टैक्स पर भी शुक्रवार को फैसला होगा। जेटली ने यह भी भरोसा दिया है कि जीएसटी से महंगाई नहीं बढ़ेगी।

कुल 1,112 आइटम्स की दरें तय की जा चुकी हैं। 7 पर्सेंट वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 17 पर्सेंट आइटम्स पर 12 पर्सेंट टैक्स देना होगा। 81 फीसदी आइटम्स पर 18 पर्सेंट या इससे कम टैक्स देना होगा। 19 पर्सेंट आइटम्स पर 28 पर्सेंट टैक्स लगाया जाएगा। अनाज और दूध को जीएसटी से बाहर रखा गया है।

चाय, कॉफी, चीनी और मसाले, प्रोसेस्ड फूड को 5% टैक्स स्लैब के दायरे में रखा गया है। जीएसटी लागू होने के बाद अनाज सस्ते हो सकते हैं । काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल हैं। फिटमेंट इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर नई कर व्यवस्था के कारण कर का बोझ नहीं बढ़े।

इसलिए वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सेवा कर को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है। समझा जाता है कि कल बैठक संपन्न होने के बाद तय कर दरों का पूरा ब्योरा उपलब्ध हो पाएगा। विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने रेशमी धागे, पूजा की सामग्री और हस्तशिल्प उत्पादों को जीएसटी दरों में छूट की मांग की।

हालांकि, जेटली का मानना है कि जीएसटी के तहत न्यूनतम छूट दी जानी चाहिए और यह आवश्यक होने पर ही दी जानी चाहिए।  बैठक शुरू होने से पहले केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने जीएसटी व्यवस्था में सोने पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाने का मामला उठाया। कुछ हलकों से सोने पर एक प्रतिशत की कर लगाने की मांग की जा रही है।

इसाक ने कहा कि सोना आवश्यक वस्तु नहीं है और इस पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगना चाहिए। वहीं योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने पूजा सामग्री पर शून्य फीसदी टैक्स की मांग की है। अभी इस पर 18 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। कुछ अन्य राज्यों ने सर्विस टैक्स की दो दरें 12 और 18 प्रतिशत रखने की मांग की।

जीएसटी राष्ट्रीय बिक्री कर होगा, जो वस्तुओं के उपभोग या सेवाओं के इस्तेमाल पर लगाया जाएगा। यह 16 मौजूदा शुल्कों और टैक्सों का स्थान लेगा। केंद्र के स्तर पर उत्पाद शुल्क और सेवा कर इसमें समाहित होंगे, जबकि राज्यों के 9 टैक्स मसलन वैट और एंटरटेनमेंट टैक्स भी इसमें समाहित होंगे।

इससे भारत एक कर दर वाला एक बाजार बन जाएगा। जीएसटी के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जीएसटी लागू है। फ्रांस ने सबसे पहले 1954 में जीएसटी को लागू किया था। उसके बाद से जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे एक दर्जन से अधिक राष्ट्रों ने जीएसटी लागू किया है।