सिमरन की कहानी कंगना ने नहीं मैंने लिखी – अपूर्व असरानी का दावा

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नई दिल्ली। कंगना रनौत अभिनीत हंसल मेहता की अगली फिल्म सिमरन के नये पोस्टर को लेकर विवाद पैदा हो गया है। दरअसल इस पोस्टर में नीचे बहुत छोटे-छोटे लेकिन अहम अक्षरों में फिल्म के राइटर ‘अलीगढ़’ और ‘शाहिद’ फेम अपूर्व असरानी के नाम के पहले कंगना रनौत का नाम बतौर अडिशनल डायलॉग और स्टोरी राइटर लिखा गया है।

इससे पहले भी कई इंटरव्यूज में कंगना और खुद हंसल भी फिल्म की कहानी लिखने का क्रेडिट कंगना को देते रहे हैं। फाइनली इस पर अपूर्व ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बुधवार सुबह एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपूर्व ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है।

अपूर्व ने लिखा है कि- किसी राइटर का नाम अडिशनल राइटिंग क्रेडिट के बाद धकेल दिया जाना उस राइटर की प्रतिष्ठा के खिलाफ है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरी चिंता ‘क्रेडिट’ को लेकर नहीं है, असल में कुछ इससे भी बड़ा है जो मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्यों किया गया।

कंगना कई इंटरव्यूज में दावा कर रही हैं कि सिमरन के डायरेक्टर हंसल मेहता उनके पास केवल एक लाइन का स्क्रीनप्ले लेकर पहुंचे थे। उनका कहना है कि उस स्टेज पर स्टोरी डार्क और ग्रिटी थ्रिलर थी और उन्होंने खुद इस स्टोरी को एक हल्की-फुल्की, मजेदार स्टोरी में तब्दील किया। उनके इस बात के सबूत  है। 

उनके ये बयान मेरे प्रयासों को पूरी तरह नकार रहे हैं और मुझे यह जानते हुए भी अब इस झूठ को उजागर करना पड़ रहा है कि ऐसा करने से उनके कई प्रशंसक मेरे खिलाफ हो जाएंगे। जो लोग मुझसे परिचित हैं वे जानते हैं कि मैंने हमेशा सच की लड़ाई लड़ी है और यह मेरे लिए एक हिट फिल्म से कहीं ज्यादा मायने रखता है।

हंसल ने मुझे अमेरिका में कानून का उल्लंघन करने वाली एक औरत की खबर भेजी थी। मुझे यह पसंद आई और मैंने सोचा कि इस पर एक बहुत अच्छी फिल्म बन सकती है। लेकिन मैं ‘अलीगढ़’ के बाद एक और सीरियल फिल्म नहीं करना चाहता था।

‘अलीगढ़’ के साथ मेरा अनुभव इतना जबर्दस्त था कि इस फिल्म ने मुझे अंदर से पूरी तरह मथ दिया था और मैं भावनात्मक तौर पर बहुत खाली महसूस कर रहा था। ऐसे में ‘सिमरन’ के रूप में मुझे कुछ मजेदार लिखने का मौका मिल रहा था। यह 2 साल पहले की बात है।

मैंने हंसल की कंपनी कर्मा फीचर्स के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। फिल्म के शुरुआती आइडिया को एक ऑरिजिनल स्टोरी में डिवेलप किया और एक लाइन का स्क्रीनप्ले लिखा। हंसल को यह पसंद आया और वह मुझे कंगना से मिलाने ले गए।  

डेढ़ साल के दौरान 9 ड्राफ्ट लिखते वक्त किसी भी मौके पर इसको लेकर कोई बात सामने नहीं आई कि कंगना को स्क्रिप्ट का डायरेक्शन या टोन पसंद नहीं आई। बल्कि जब-जब मैं उनको स्क्रिप्ट सुनाता था तो वह खुशी से उछल पड़ती थीं। मैं यह देखकर बहुत खुश था कि पूरी की पूरी फिल्म उसी स्टोरी और स्क्रीनप्ले पर शूट की गई है जिसे मैंने फिल्म राइटर्स असोसिएशन में रजिस्टर कराया था।