कोटा में उद्योगों की हालत खराब, समस्याएं दूर की जाएं

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उद्योग मेले के लिए उद्योग भारती से नहीं लेंगे 70 लाख, मदद भी करेंगे 25 लाख की-आयुक्त

कोटा। लघु उद्योग भारती की बैठक बुधवार को पुरुषार्थ भवन में हुई। जिसमें मुख्य अतिथि उद्योग विभाग आयुक्त कुंजीलाल मीणा थे। इस अवसर पर उद्यमियों ने आयुक्त से कहा कि कोटा के उद्योगों की हालत पहले से ही खराब है। जमीन नहीं मिलने से नए उद्योग नहीं पा रहे हैं। राजस्थान में भी एसआईआर लागू किया जाए। इससे उद्योग लगने में परेशानी नहीं हो।

एसएसआई के संस्थापक गोविंद राम मित्तल ने कहा कि राजस्थान में वाटर हार्वेस्टिंग का नियम थोपा गया है। यहां तो पठारी इलाका है। इससे उद्यमी केवल रीको को दिखाने के लिए इसकी औपचारिकता करता है। ऐसा नियम लगे ही क्यों, जिसका कोई मतलब नहीं हो।

उन्होंने लीज हाेल्ड राइट्स अन्य राज्यों की तरह लागू करने की मांग की। इससे व्यापारी का जमीन पर पूरा होल्ड होगा और अपनी मर्जी के अनुसार काम कर सकेगा। वहीं, उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र को हॉस्टल कोचिंग जोन घोषित करने के लिए भी कहा।

आयुक्त मीणा ने कहा कि वे उद्यमियों के वकील हैं और हर तरह से उनकी पैरवी करेंगे। सीएसआर एक्ट को सरकार बना चुकी है। जल्द ही उसके नियमों को पूरी तरह करके लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योग मेला जनवरी में जयपुर में लगेगा।

बैठक को सम्बोधित करते उद्यमी गोविंदराम मित्तल।

कोटा संभाग से लगे 50 स्टॉल
मीणा ने कहा इसके लिए विभाग ने लघु उद्योग भारती का 70 लाख रुपए माफ कर दिया है और 25 लाख की मदद भी की जाएगी, लेकिन कोटा संभाग से 50 स्टॉल लगनी चाहिए। इससे कोटा संभाग के प्रोडक्ट को नए प्लेटफॉर्म मिलेंगे।

उन्होंने उद्यमियों से जरूरतमंद बच्चों को इंजीनियर और मेडिकल पढ़ाई के लिए सीएसआर में मदद करने के लिए कहा। मीटिंग में लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विपिन सूद, प्रदेशाध्यक्ष ताराचंद गोयल, अचल पौद‌्दार, राजेंद्र जैन, राजेश गुप्ता, मुकेश गुप्ता मौजूद थे।

सीएसआर फंड से कराएंगे निशुल्क कोचिंग : मीणा
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण जरूरतमंद परिवारों के बच्चे मेडिकल इंजीनियरिंग की कोचिंग नहीं कर पाते थे। अब राज्य सरकार कंपनियों के सीएसआर फंड से मिलने वाली राशि से ऐसे बच्चों को निशुल्क कोचिंग कराएगी। यह जानकारी उद्योग विभाग के आयुक्त कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी सचिव कुंजीलाल मीणा ने यहां दी।

वे बुधवार को टैगोर सभागार में विभिन्न कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों के साथ आयोजित बैठक में ‘स्टूडेंट स्पोंसर प्रोग्राम’ के संबंध में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी कंपनियों के लिए फायदे की 2 प्रतिशत राशि सीएसआर में खर्च करना जरूरी है।