OPS Rules: राजस्थान में भजन सरकार की पेंशन नियमों में संशोधन की तैयारी

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जिन अफसरों ने नियम बनाये अब वही करेंगे बदलाव, जानिए क्यों

जयपुर। Old Pension Scheme: राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार में वित्त विभाग के जिन अफसरों ने पेंशन के नए नियम बनाए थे, अब वे ही अफसर उनमें बदलाव करने जा रहे हैं। भजनलाल सरकार इन नियमों में संशोधन की तैयारी कर चुकी है।

गहलोत सरकार में बनाए गए नए पेंशन नियमों में कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के दिन ही उसके खाते में पेंशन बेनिफिट्स डाले जाने के प्रावधान किए थे। इसमें देरी होने पर प्रतिदिन ग्रेचुटी और पेंशन पर 9.50 प्रतिशत ब्याज दिए जाने प्रावधान भी जोड़े गए थे। लेकिन अब प्रदेश की नई भजनलाल सरकार इन नियमों में संशोधन की तैयारी कर चुकी है।

बता दें कि इन नियमों को केंद्र सरकार के मौजूदा नियमों के अनुसार ही बनाया जाएगा। इसमें पेंशन बेनिफिट रिटायरमेंट की तिथि से तीन महीने तक की अवधि में दिए जाते हैं तो उस पर सरकार को कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा। वहीं, इससे अधिक अवधि होती है तो जीपीएफ की मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से प्रतिदिन ब्याज देय होगा। जीपीएफ की ब्याज दर लगभग आठ प्रतिशत के आसपास ही रहती है। इससे यदि सरकार को ब्याज देना भी पड़ेगा तो उसमें भी एक से डेढ़ प्रतिशत की बचत होगी।

पेंशन में देरी के कारण बदलने पड़ रहे हैं नियम
पिछली गहलोत सरकार में इन्हीं अफसरों ने पेंशन के नए नियम तैयार कर उन्हें नोटिफाइ करवाया था। लेकिन पेमेंट सिस्टम की सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था में मनमर्जी के भुगतान होने के चलते पेंशनर्स को भुगतान में लगातार देरी होती रही। मौजूदा समय में भी पेंशन बेनिफिट्स में छह से सात महीने डिले चल रहा है। इससे सरकार के समक्ष न सिर्फ इतनी बड़ी रकम की एक मुश्त अदायगी का बोझ आ रहा है, बल्कि इस पर करोड़ों रुपये का ब्याज भी सरकार को देना होगा।