GST fraud / 867 करोड़ के लोहे की बिक्री पर मात्र 40 लाख टैक्स

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रायपुर। राजधानी रायपुर के लोहा-स्टील कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए स्टेट जीएसटी की टीम ने शनिवार को न्यू राजेंद्रनगर के सोनू स्टील में छापा मारकर भारी मात्रा में कच्चे बिल जब्त किए हैं। जीएसटी अफसरों के मुताबिक इस फर्म ने दो साल में लोहे और स्टील का 867 करोड़ का कारोबार किया, लेकिन टैक्स केवल 40 लाख रुपए ही चुकाया।

फर्म जीएसटी अफसरों की नजर में तब आई, जब उसने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर एक करोड़ रुपए रिफंड भी ले लिया। शनिवार को सुबह छापे के बाद जीएसटी की टीम देर रात तक फर्म के दफ्तर में डटी थी। अफसरों के मुताबिक शुरुआती जांच में ही कारोबारी की टैक्स लाएबिलिटी 6 करोड़ रुपए से अधिक की निकल चुकी है।

जांच खत्म होने तक रकम का बढ़ना तय है। स्टेट जीएसटी विभाग के इंफोर्समेट विभाग के हेड गोपाल वर्मा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने एक-एक बिल की जांच शुरू कर दी है। इस कारोबारी का मुख्य रूप से काम एक फैक्ट्री से माल लेकर दूसरी फैक्ट्री को बेचना है। राज्य के बाहर भी कारोबारी ने बड़ा व्यापार किया है।

एक कमरे से इतना कारोबार
सोनू स्टील का सारा कारोबार एक थ्री बीएचके दफ्तर से चल रहा है। यह कंपनी के संचालक का घर भी है और एक कमरे में दफ्तर चल रहा है। इसी जगह से 867 करोड़ रुपए के कारोबार से अफसर भी चकित हैं। अफसरों की टीम यह देखकर भी हैरान रह गई कि सारे सौदे करोड़ों में ही हैं। यानी दफ्तर में एक ही दिन में कई करोड़ का माल आया और उसी दिन बिक भी गया। अफसरों के मुताबिक यह अब तक का पहला मामला है।

400 करोड़ के घाटे का तर्क
जीएसटी छापे के बाद सोनू स्टील के संचालक ने तर्क दिया कि उसने 400 करोड़ का माल घाटे में बेचा है। मंदी और डिमांड में कमी की वजह से लोहा और स्टील की कीमत कम हो गई। बड़ी रकम कारोबार में फंसने के डर से उसने माल घाटे में ही बेचना पड़ गया। इस वजह से उसे बड़ा नुकसान भी हुआ है। इधर, अफसरों ने सोनू स्टील ट्रेडर्स के रिटर्न की जांच की तो पता चला कि बड़ा कारोबार होने के बावजूद उसकी इंट्री नहीं की जा रही है। नवंबर से जनवरी तक सेल तो बढ़ी, लेकिन रिटर्न में कम टर्नओवर बताया गया। यानी बिल लगातार जनरेट हुए, लेकिन रिटर्न में एंट्री नहीं हुई।

कम टैक्स देने की वजह से छापा
बड़ा कारोबार करने के बावजूद टैक्स कम देने की वजह से टीम ने वहां छापेमारी की है। जितना ट्रेड दिखाया गया है, उसका ही टैक्स करोड़ों में होता है। अभी जांच जारी है। -रमेश शर्मा, आयुक्त स्टेट जीएसटी