GST कंपनसेशन में कमी की भरपाई के लिए एक हुआ देश

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नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) सिस्टम के चलते होने वाले रेवेन्यू लॉस के कंपनसेशन में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पेश 1.1 लाख करोड़ रुपये की उधारी के विकल्प को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने चुन लिया है।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के बाद अकेले बचे झारखंड के भी केंद्र सरकार का उधारी विकल्प चुन लेने से रेवेन्यू लॉस के कंपनसेशन में कमी की भरपाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रही खींचतान खत्म हो गई है।

30,000 करोड़ रुपये बांट चुका है केंद्र
झारखंड केंद्र सरकार की विशेष उधारी योजना में 1,689 करोड़ रुपये ले सकेगा। इसके अलावा वह दूसरे राज्यों की तरह अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधे पर्सेंट तक की अतिरिक्त रकम भी उधार ले सकेगा। केंद्र सरकार 23 अक्तूबर से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उपलब्ध इस विकल्प के तहत राज्यों की तरफ से पाँच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये की उधारी जुटाकर पहले ही उनके बीच बांट चुकी है। झारखंड को 6,000 करोड़ रुपये की अगली किस्त 7 दिसंबर को मिलेगी।

केंद्र सरकार ने जीएसटी के चलते राज्यों को होने वाले रेवेन्यू लॉस के कंपनसेशन में कमी की भरपाई के लिए उनको अगस्त में अलग-अलग शर्तों के साथ दो विकल्प दिए थे। उसने राज्यों को 2.35 लाख करोड़ रुपये के संभावित रेवेन्यू लॉस की पूरी रकम बाजार से उधार लेने या उसमें से 97,000 करोड़ रुपये की रकम रिजर्व बैंक की विशेष योजना के तहत उधार लेने का विकल्प दिया था।

उसने फिर राज्यों के लिए अपने दोनों विकल्प को बेहतर बनाते हुए पहले को 1.10 लाख करोड़ रुपये और दूसरे को 1.8 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। उसने 1.10 लाख करोड़ रुपये किस्तों में जुटाकर राज्यों के हवाले करने को हामी भरी है।

छत्तीसगढ़ हो गया था राजी
झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, वेस्ट बंगाल और केरल ने भी पहले केंद्र सरकार के किसी उधारी विकल्प का हिस्सा बनने से मना किया था लेकिन अब वे भी मान गए हैं। पिछले दो हफ्तों में केरल, वेस्ट बंगाल और पंजाब सहित वे सभी राज्य केंद्र सरकार का पहला विकल्प चुनने को राजी हो गए, जो पहले उसके प्रस्तावित विकल्प पर ऐतराज जता रहे थे। छत्तीसगढ़ गुरुवार को केंद्र के पहले विकल्प के लिए मान गया था।

वित्त मंत्रालय से तालमेल में बंट रही रकम
केंद्र सरकार वित्त मंत्रालय के साथ तालमेल बैठाते हुए विशेष उधारी योजना के पैसे राज्यों को हर हफ्ते दे रही है। अब रेवेन्यू लॉस के कंपनसेशन में कमी की भरपाई के लिए सभी राज्य कुल 1,06,830 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी जुटा सकते हैं।