अनजान बेटी के दर्द को फर्ज़ समझ रिन्नु ने SDP डोनेट कर बचाई जान

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कोटा। कोरोना के डर से अब आमजन उभरने लगे है। सामाजिक संस्थाओं का कार्य भी अब तेज गति से चलने लगा है। रक्त व प्लेटलेट्स के लिए डोनर पहले से अधिक रफ़्तार आ रहे है। पुरुषों के साथ साथ महिलायें भी पीछे नहीं है। रक्तदान करने के लिए इंसानियत का भाव मन मे लिए जब भी मौका मिलता है मातृशक्ति खुद को सदैव आगे रखती है।

जेके लोन अस्पताल में भर्ती एक अनजान बहिन के लिए एक बहिन दौड़ी और ज़िन्दगी बचाने का प्रयास किया। लायंस क्लब कोटा टेक्नो के डायरेक्टर व टीम जीवनदाता के संस्थापक संयोजक भुवनेश गुप्ता के अनुसार देनुन्दा ग्राम केशवरायपाटन निवासी सुकेन्दर बैरवा का मंगलवार दोपहर कॉल आया उनकी पत्नी आशा बैरवा (25) प्रसव पीड़ा से जेके लोन अस्पताल में भर्ती है और शरीर में प्लेटलेट्स की तेजी से कमी हो रही है। इससे डिलीवरी हेतु ऑपरेशन रुका हुआ है।

घबराई अवस्था मे तीमारदार ने गुप्ता से एसडीपी की व्यवस्था के लिये मदद की गुहार की। तनावग्रस्त मुद्रा में उसने कहा कि इस शहर में वो किसी को नही जानता व उसे एसडीपी के बारे में कोई जानकारी नही है। गुप्ता ने अपने साथी नितिन मेहता व वैभव गुप्ता से चर्चा कर ग्रुप में संदेश डलवाए। एक अबला बहिन की स्थिति को भांपकर सुधा ब्लड बैंक की वरिष्ठ तकनीशियन बोरखेड़ा निवासी रिन्नु कौशिक (39) का हृदय पसीजा और फ़ौरन गुप्ता से चर्चा कर एमबीएस ब्लड बैंक आ गयी व एसडीपी डोनेट कर दी। मौक़े पर एमबीएस के एचओडी डॉ. एच् एल मीणा, मेडिकल ऑफिसर डॉ सुधीर उपाध्याय व तकनीशियन अनिल शर्मा उपस्थित थे।

रिन्नु का कहना है कि ब्रह्मकुमारी मिशन में हमें मानवीय सेवा करने के लिये प्रेरित किया जाता है। इसीलिए वे अब तक 26 बार रक्तदान व 8 बार एसडीपी का दान कर चुकी है। निर्धन व असहाय मरीज के पति ने निशुल्क व इमरजेंसी में हुई व्यवस्था के लिये आभार प्रकट किया और स्वयं भी इस नेक अभियान में जुड़ने के लिये इच्छा जाहिर की।

महिलाओं के लिये चलायेंगे अभियान
भुवनेश गुप्ता बताते है शहर में रक्तदान के साथ साथ एसडीपी की ज़रूरत नियमित रहती है। ऐसे में जागरूकता की कमी से नारी शक्ति इसमे कम ही रुझान दिखती है। एसडीपी की प्रक्रिया और इसमें आवश्यकता मापदंड के लिये एक सघन अभियान चलाने की आवश्यकता है। टीम सदस्य अधिकाधिक महिलाओं को मोटिवेट कर इसके लिये सक्रियता से कार्य करेंगें। इसमे पूर्व में सक्रिय महिलाओं को आगे लाया जायेगा और प्रेरणास्रोत के रूप में उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया जाएगा।