नई दिल्ली। देश में GST कलेक्शन का आंकड़ा 9 महीने में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से नीचे पहुंच गया है। जून में GST कलेक्शन घटकर 92,849 करोड़ रुपए हो गया, जो मई में 1.02 लाख करोड़ रुपए रहा था। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। इससे पहले सितंबर 2020 में GST कलेक्शन 95,480 करोड़ रुपए रहा था।
जून में ग्रॉस GST रेवेन्यू को देखें तो इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा यानी CGST के 16,424 करोड़ रुपए, राज्यों का हिस्सा यानी SGST के 20,397 करोड़ रुपए के अलावा इंटीग्रेटेड यानी IGST के 49,079 करोड़ रुपए समेत सेस के 6,949 करोड़ रुपए शामिल हैं। हालांकि, सरकारी बयान के मुताबिक जून में GST रेवेन्यू पिछले साल की समान अवधि से 2% ज्यादा है।
टैक्सपेयर्स को मिली राहत
GST कलेक्शन का यह आंकड़ा 5 जून से 5 जुलाई के बीच का है। इस दौरान टैक्स से जुड़ी कई रियायतें दी गई हैं, जिसमें ITR फाइलिंग की डेडलाइन को 15 दिनों तक बढ़ाया जाना भी शामिल है। इसके अलावा ब्याज दरों में कटौती भी की गई है। सरकार ने रेगुलर सेटलमेंट के तौर पर जून में IGST से 19,286 करोड़ रुपए का CGST और 16,939 करोड़ रुपए का SGST सेटल किया।
फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, जून के लिए GST कलेक्शन मई के दौरान किए गए कारोबारी लेनदेन से संबंधित है। इस दौरान ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा था। नतीजतन, मई का ई-वे बिल जनरेशन का आंकड़ा 30% कम हुआ। यानी मई में 3.99 करोड़ ई-वे बिल जनरेट हुए, जबकि अप्रैल में यह 5.88 करोड़ था।
लॉकडाउन खुलते ही कारोबार और ट्रेड में भी रिकवरी
पाबंदियों में रियायत के बाद आवाजाही बढ़ी है। इससे जून में 5.5 करोड़ ई-वे बिल जनरेट हुए। यह दर्शाता है कि ट्रेड और कारोबार पटरी पर लौट रहे हैं। अगर हर दिन औसत बिल जनरेशन का डेटा देखें तो 20 जून से शुरू हफ्ते तक ई-वे बिल का आंकड़ा 20 लाख के लेवल तक पहुंच रहा है। इससे पहले अप्रैल 2021 के पहले दो हफ्तों में यह आंकड़ा देखने को मिला था। जबकि 9-22 मई के दौरान प्रतिदिन औसतन 12 लाख ई-वे बिल जनरेट हुए।