नई दिल्ली। गोल्ड हॉलमार्किंग के मामले में ज्वैलर्स के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने घोषणा की है कि 1 सितम्बर 2021 तक पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क लगाने को लेकर किसी भी व्यापारी पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी और कोई माल भी जब्त नहीं होगा। बता दें कि पूरे देश में 16 जून से सोने की ज्वैलरी (Gold Jewellery) पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है, लेकिन ज्वैलर्स को नियम के अनुपालन को लेकर कुछ और मोहलत चाहिए थी।
इस पर मंगलवार की रात को पीयूष गोयल ने देश के ज्वैलरी व्यापार के प्रमुख संगठनों के व्यापारी नेताओं से एक मीटिंग की। इस मीटिंग में अन्य व्यापारी नेताओं के अलावा कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री और देश भर के छोटे ज्वैलर्स के एकमात्र संगठन ऑल इंडिया ज्वैलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन (ऐआईजेजी एफ) के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा भी शामिल हुए।
256 जिलों में हॉलमार्किंग होगी अनिवार्य
अरोरा ने बताया कि मीटिंग में पीयूष गोयल ने घोषणा करते हुए कहा कि गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के पहले चरण में कल 16 जून से देश के 256 जिलों में, जहां पर पहले से ही हॉलमार्किंग सेंटर्स हैं, वहां अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग लागू होगी। सभी ज्वैलरी व्यापारियों को हॉलमार्किंग के लिए समय देते हुए गोयल ने कहा कि 1 सितम्बर तक पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क लगाने को लेकर किसी भी व्यापारी पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी और कोई माल भी जब्त नहीं होगा। सभी ज्वैलरी व्यापारियों को केवल एक बार रजिस्ट्रेशन लेना होगा, जिसका कोई नवीनीकरण नहीं कराना होगा। कुंदन एवं पोल्की की ज्वेलरी और ज्वैलरी वाली घड़ियों को हॉलमार्क के दायरे से बाहर रखा गया है।
देशभर में हॉलमार्किंग (Gold hallmarking) लागू करने की तारीख कई बार बढ़ाई जा चुकी है। इसे इस साल जनवरी में लागू होना था, लेकिन कोरोना (Covid19) की वजह से तारीख कई बार बढ़ने के बाद अब 16 जून से इसे लागू किया जा रहा है। ज्वेलरी इंडस्ट्री (jewellery industry) से जुड़े ज्वेलर्स ने सरकार से हॉलमार्किंग लागू होने की तारीख बढ़ाने की गुजारिश की थी।
हॉलमार्क देखने के बाद ही खरीदें सोना
सोना खरीदते समय सबसे पहले आपको उस पर हॉलमार्क जरूर देखना चाहिए। हॉलमार्क सर्टिफिकेशन का मतलब है कि सोना असली है। यह सर्टिफिकेशन ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की तरफ से दिया जाता है। जाने-माने ब्रांड्स में तो आपको सभी गहने हॉलमार्क वाले ही मिलेंगे, लेकिन स्थानीय ज्वैलर्स कई बार बिना हॉलमार्क के गहने भी बेचते हैं, जिनके असली या नकली होने की पहचान आपको खुद करनी होगी।