अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से खरीदी जमीन के विवाद पर अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हस्तक्षेप किया है। ट्रस्ट की ओर से पीएमओ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जमीन खरीद से जुड़े तथ्यों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। मंगलवार शाम राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से RSS के शीर्ष नेतृत्व और पीएमओ को सारे तथ्यों से अवगत करा दिया गया है।
ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक, जमीन खरीद में लग रहे घोटाले के आरोपों पर सभी सदस्यों ने निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा के सामने विस्तार से अपनी बात रखी थी। ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है। इसके अलावा आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया गया है।
दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की जमीन खरीद से जुड़े विवाद पर जिले के अधिकारियों से पूरा ब्यौरा मांगा। अधिकारियों ने उन्हें जमीन से जुड़े कागजात भी दिखाए हैं। सीएम योगी ने खुद सोमवार को अयोध्या के डीएम और कमिश्नर से पूरा ब्यौरा मांगा। अधिकारियों ने उन्हें पूरी जानकारी दी, जमीन से जुड़े कागज दिखाए।
विश्व हिन्दू परिषद मानहानि का दावा करने की तैयारी में
वहीं कांग्रेस पार्टी समेत विपक्ष के तमाम दलों ने इस मामले में योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। आरोप आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और अयोध्या के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी नेता पवन पांडे ने लगाया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं कि हम मानहानि का दावा करें। इस बार उन्हें माफी मांगने पर न छोड़े और इसे इसकी परिणति तक ले कर जाएं।